हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामिक क्रांति की जीत की 43वीं वर्षगांठ के अवसर पर लेबनान के उलेमा ने एक बैठक में आलमें इस्लाम को बधाई दी और कहा कि इस्लामी क्रांति राष्ट्रों के जीवन में बदलाव का प्रारंभिक बिंदु था,
इस मौके पर लेबनानी उलेमा ने इस्लामिक मूवमेंट ऑफ फिलिस्तीन, इस्लामिक काउंसिल ऑफ फिलिस्तीन, जमीअतुल नूरुल याकीन, लेबनान के इस्लामी आंदोलन के सदस्यों के साथ एक बैठक बुलाई गई हैं,
प्रोग्राम को संबोधित करते हुए उलेमाये लेबनान ने ज़ोर देकर कहा कि इमाम खुमैनी (र.ह.) के नेतृत्व में इस्लामी क्रांति की जीत कौमों की जीत हैं,जो राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक आजादी और यहूदियों को इस क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकना चाहते थे।
इस प्रोग्राम में हाज़िर लोगों ने इस बात की ओर इशारा किया कि इस्लामी क्रांति की बदौलत दुनिया भर में विरोधाभासों की प्रकृति स्पष्ट हो गई है, यह अमेरिकी साम्राज्यवाद, ज़ायोनी सहयोगियों, प्रतिक्रियावादियों और राष्ट्रों का दुरुपयोग करने वालों के साथ देना गलत हैं।