हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,पाकिस्तान के मशहूर खतीब अल्लामा शहंशाह हुसैन नक़वी ने पेशावर में हुए आत्मघाती हमले की कड़ी शब्दों में निंदा की हैं।
निंदनीय बयान कुछ इस प्रकार है:
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलाही राजेउन
शहर पेशावर में रिसालदार शिया जामा मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले पाकिस्तान में सरकारी संस्थानों और सरकारी कामकाज पर एक सवालिया चिह्न हैं,नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा, उनके अधिकारों की सुरक्षा यह सरकार पर लागू होती है और सरकार इसकी ज़िम्मेदार हैं।
हमें आज तक यह नहीं बताया गया हैं कि अदालत के फैसलों, जांच आयोगों और उनसे निकली रिपोर्टों का क्या हुआ?वह कौन थे उनके पीछे क्या मकसद थे? फंड कहां से आए? उन्हें सुविधाएं कहां दी गईं?
2015 के बाद से कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर रही है लेकिन मिल्लते जाफरिया के लिए नहीं, क्योंकि इस दौरान क्वेटा, बहावलनगर और अब पेशावर में उसी कानून व्यवस्था की स्थिति में हमारा खून बहाया गया हैं।
हमें सरकार से जवाब चाहिए हमें इंसाफ चाहिए वरना नहीं तो इस देश के नागरिक अपने अधिकारों की बहाली के लिए विरोध करेंगे।