۵ آذر ۱۴۰۳ |۲۳ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 25, 2024
कर्नाटक

हौज़ा/हिंदू जनजागृति समिति ने कहा है कि इस्लामिक तरीकों से काटे गए मांस को देवताओं को चढ़ाया नहीं जा सकता हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , बैंगलोर,
कर्नाटक नफरत की एक नई प्रयोगशाला के रूप में उभर रहा है और वहां एक के बाद एक भड़काऊ मुद्दे उठाए जा रहे हैं कभी हिजाब को लेकर फूटा विवाद,तो कभी फिर मंदिर परिसर में मुस्लिम दुकानदारों पर प्रतिबंध और धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर अब कर्नाटक में एक कट्टरपंथी हिंदू संगठन हलाल मीट की खरीद के खिलाफ अभियान चलाने जा रहा है।


हिंदू जनजागृति समिति ने कहा है कि इस्लामिक तरीकों से काटे गए मांस को देवताओं को चढ़ाया नहीं जा सकता हैं।
एक संगठन के प्रवक्ता मोहन गौड़ा ने कहा, ओगादी के दौरान मांस की बहुत खरीद-बिक्री होती है और हम हलाल मांस के खिलाफ एक अभियान शुरू कर रहे हैं। इस्लाम के अनुसार अल्लाह का नाम हलाल मांस के लिए उपयोग किया जाता है,न की हिंदू देवताओं का,

यह विवादित बयान उस समय आया है,जब कर्नाटक पहले से ही हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर विवादों में घिरा हुआ है। बिस्वराज बोमई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर दक्षिणी राज्य में ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया हैं।

गौड़ा ने कहा कि जब भी मुसलमान किसी जानवर को काटते हैं तो उसका चेहरा मक्का की तरफ मोड़ कर दुआ पढ़ते हैं, वही मीट हिंदू देवताओं को नहीं चढ़ाया जा सकता,हिंदू धर्म में हम किसी जानवर को प्रताड़ित करने में विश्वास नहीं करते हैं, यही वजह है कि उसका सिर अचानक उसके धड़ से अलग कर देते हैं,

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