बुधवार 20 अप्रैल 2022 - 15:27
शबे क़द्र के आमाल

हौज़ा/माहें रमज़ानुल मुबारक की उन्नीसवीं, इक्कीसवीं और तेइसवीं शबे क़द्र के मुश्तरका आमाल,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,माहें रमज़ानुल मुबारक की उन्नीसवीं, इक्कीसवीं और तेइसवीं शबे क़द्र के मुश्तरका आमाल कुछ इस प्रकार है।.

1) वक़्त ग़ुरूबे आफ़ताब (सूरज डूबने के क़रीब) ग़ुस्ल करें ताकि नमाज़े मग़रिब ग़ुस्ल की हालत में हो।

2) दो रकत नमाज़ जिसमें एक बार "सूरए हम्द" और सात बार "सूरए क़ुल-हु-वल्लाह" पढ़ें, दूसरी रकत भी इसी तरह पढ़ें।

3) नमाज़ के बाद सत्तर बार
अस-तग़-फ़िरुल्लाह व अतूबु इलैह पढ़ें।

4) फिर क़ुरआन खोलकर यह दुआ पढ़ें:

"बिस्मिल्ला हिर्रहमान निर्रहीम"

"अल्लाह हुम्मा इन्नी अस अलुका बे किताबिकल मुन्ज़लि व मा फ़ीहि व फ़ीहि इस्मुकल अकबरो व अस्माओकल हुस्ना व मा युख़ाफ़ु व युरजा अन तज अलनी मिन उतक़ाएक़ा मिनन नारे व तकज़िया हवाएज लिद-दुनिया वल आख़िरा...

इसके बाद सभी के लिए दुआ करें और अपनी हाजात तलब करें!

5) इसके बाद क़ुरआन को
सर पर रखें और यह दुआ पढ़ें:

बिस्मिल्लाहहिर्रहमानिर्रहीम

अल्लाह हुम्मा बेहक़्क़े हाज़ल क़ुरआने व बेहक़्क़े मन अर सल तहु बेहि व बेहक़्क़े कुल्ले मोमिनीन मदहतहु फ़ीहि व बे हक़्क़े का अलैहिम फ़ला अहदा आ रफ़ु बे हक़्क़े का मिनका.

दुआ करें और हाजात तलब करें।

6) उसके बाद सर पर क़ुरआन रखें और सभी नामों को दस दस बार पढ़ें:

1) बेका या अल्लाहु

2) बे मुहम्मदिन (स)

3) बे अलिय्यिन (अ)

4) बे फ़ातिमता (स)

5) बिल हसने (अ)

6) बिल हुसैने (अ)

7) बे अली इब्निल हुसैने (अ)

8) बे मुहम्मद इब्ने अली (अ)

9) बे जाफ़र इब्ने मुहम्मद (अ)

10) बे मूसा इब्ने जाफ़र (अ)

11) बे अली इब्ने मूसा (अ)

12) बे मुहम्मद इब्ने अली (अ)

13) बे अली इब्ने मुहम्मद (अ.स.)

14) बिल हसन इब्ने अली (अ.स.)

15) बिल हुज्जतिल क़ाएमे (अ.स.)

दुआ करें और हाजात तलब करें।

ज़ियारते इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम पढ़ें।

नोट:-उन्नीसवीं रमज़ानुल मुबारक की शब में "अल्लाह हुम्मल अन क़तलतल अमीरुल मोमिनीन" सौ बार पढ़ें और इसी शब में "अस-तग़ फ़िरुल्लाह रब्बी व अतूबु इलैह" सौ बार पढ़ें।

तेइसवीं शबे क़द्र में सौ रकत नमाज़ और सौ बार सूरए "इन्ना अन ज़लना" पढ़ें और तस्बीह हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ) पढ़ें और दुआ ए जोशने कबीर भी पढ़ें।

अल्लाह हुम्मा अज्जिल ले वलियेकल फ़रज.

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