हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने रमज़ानुल मुबारक के पांचवें दिन की दुआ यह बयान फ़रमाई हैं:
اَللّهُمَّ اجعَلني فيہ مِنَ المُستَغْفِرينَ وَاجعَلني فيہ مِن عِبادِكَ الصّالحينَ القانِتينَ وَاجعَلني فيہ مِن اَوْليائِكَ المُقَرَّبينَ بِرَأفَتِكَ يا اَرحَمَ الرّاحمينَ.
अल्लाह हुम्मज अलनी फ़ीहि मिनल मुस तग़ फ़िरीन, वज अलनी फ़ीहि मिन इबादिका स्सालिहीनल क़ानितीन, वज अलनी फ़ीहि मिन औलियाएकल मुक़र्रिबीन, बेराफ़तिका या अरहमर्राहिमीन (अल बलदुल अमीन, पेज 220, इब्राहिम बिन अली)
ख़ुदाया! मुझे इस महीने में मग़फ़ेरत तलब करने वालों और अपने नेक व फ़रमानबरदार बंदों में क़रार दे, और मुझे अपने करीबतरीन औलिया के ज़ुमरे में क़रार दे, तेरी राफ़त के वास्ते, ऐ महरबानों में सबसे ज़ियादा महरबान...
अल्लाह हुम्मा स्वल्ले अला मुहम्मद व आले मुहम्मद व अज्जील फ़रजहुम.