हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक राजनीतिक रैली के दौरान हुए आत्मघाती बम हमले में मृतकों की संख्या 46 हो गई है जांचकर्ताओं ने आशंका जताई है कि हमले में इस्लामिक स्टेट का हाथ हो सकता हैं।
यह बम धमाका 30 जुलाई को "जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल" की एक रैली के दौरान हुआ. खबरों के मुताबिक, हमले के समय सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय नेता घटनास्थल पर मौजूद थे.
यह हमला बाजौर नाम की जिस जगह पर हुआ, वह अफगान सीमा के नजदीक है. बाजौर में काफी समय से चरमपंथियों की पैठ रही है इनमें तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) प्रमुख है, जिसे पाकिस्तानी तालिबान भी कहा जाता है।
प्रांतीय पुलिस प्रमुख अख्तर हयात खान ने सुसाइड बम विस्फोट की पुष्टि करते हुए बताया कि हमलावर की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट किया जा रहा है.
क्षेत्रीय आतंकवाद निरोधी उप महानिरीक्षक सोहेल खालिद ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि हमलावर ने धमाके की तीव्रता बढ़ाने के लिए बॉल बेयरिंग से बंधे लगभग 40 किलोग्राम (90 पाउंड) विस्फोटक का इस्तेमाल किया हैं।
बचाव अधिकारी बिलाल फैजी ने बताया कि 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं इनमें से लगभग 90 घायलों का इलाज अस्पतालों में किया जा रहा है. घटनास्थल पर खून से सनी कुर्सियां, मृतकों और घायलों द्वारा छोड़े गए जूते दिखाई दिए. जिस मंडप में कार्यक्रम हुआ था, वह जल गया.
जांचकर्ताओं को इलाके में चारों ओर फैले मानव मांस और बालों के अवशेष मिले. विस्फोट का स्पष्ट केंद्र खार के मुख्य बाजार के पास था. यहां के निवासी 29 वर्षीय फजल अमान ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि घटनास्थल पर उन्हें शव पड़े दिखे, जबकि कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे.
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