हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
لَّيْسَ عَلَيْكَ هُدَاهُمْ وَلَـٰكِنَّ اللَّـهَ يَهْدِي مَن يَشَاءُ ۗ وَمَا تُنفِقُوا مِنْ خَيْرٍ فَلِأَنفُسِكُمْ ۚ وَمَا تُنفِقُونَ إِلَّا ابْتِغَاءَ وَجْهِ اللَّـهِ ۚ وَمَا تُنفِقُوا مِنْ خَيْرٍ يُوَفَّ إِلَيْكُمْ وَأَنتُمْ لَا تُظْلَمُونَ लैसा अलैका होदाहुम वलाकिन्नल्लाहा याहदी मय यशा वमा तुंफ़ेकू मिन खैरिन फ़लेअंफ़ोसेकुम वमा तुंफ़ेकूना इल्ला इब्तेगाआ वजहिल्लाहे वमा तुंफ़ेकू मिन खैरिन योवफ्फल इलैकुम वा अंतुम ला तुज़लमून (बक़रा, 272)
अनुवाद: (हे रसूल!) इन लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाना आपकी जिम्मेदारी नहीं है (आपका कर्तव्य केवल रास्ता दिखाना है)। अल्लाह जिसे चाहता है मंजिल तक पहुंचा देता है और जो माल तुम खर्च कर देते हो। अतः यह तुम्हारे ही लाभ के लिए है और जो कुछ तुम ख़र्च करते हो, अल्लाह की प्रसन्नता के लिए ख़र्च करते हो। और तुम जो दान में धन और सम्पत्ति देते हो। इसका पूरा भुगतान आपको किया जाएगा और आपके साथ बिल्कुल भी अन्याय नहीं होगा।
क़ुरआन की तफसीर:
1️⃣ इंसानों का मार्गदर्शन पवित्र पैगंबर (स) की जिम्मेदारी से परे है और केवल ईश्वर की इच्छा पर निर्भर है।
2️⃣ कुछ मुसलमानों की परोपकारिता, यातना और पाखंड के कारण पैगंबर (स) को उनकी चिंता और परेशानी से राहत देने के लिए अल्लाह से प्रार्थना करना।
3️⃣ पवित्र पैगंबर (स) की महान इच्छा थी कि लोगों को मार्गदर्शन मिले और इसके लिए उनके प्रयास।
4️⃣ हर अच्छी चीज़ पर ख़र्च करने से ख़र्च करने वाले को ही फ़ायदा होता है।
5️⃣ धर्म की परवाह किए बिना जरूरतमंदों की जरूरतों को पूरा करना इस्लाम का मूल सिद्धांत है।
6️⃣ दान अल्लाह को खुश करने का सबसे अच्छा साधन है।
7️⃣ अल्लाह ताला की ख़ुशी तब मिलती है जब कोई उसके लिए प्रयास और प्रयास करता है।
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तफसीर राहनुमा, सूर ए बकरा