۳ آذر ۱۴۰۳ |۲۱ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 23, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा / अल्लाह जिसे चाहता है प्राकृतिक कारणों से हट कर जीविका प्रदान करता है। वह ऐसी प्रणाली है जो सार्वभौमिक प्रकृति को एक योजना के अनुसार और ईश्वर की बुद्धि के अनुसार नियंत्रित करती है।

होज़ो न्यूज़ एजेंसी |

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم   बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम

تُولِجُ اللَّيْلَ فِي النَّهَارِ وَتُولِجُ النَّهَارَ فِي اللَّيْلِ ۖ وَتُخْرِجُ الْحَيَّ مِنَ الْمَيِّتِ وَتُخْرِجُ الْمَيِّتَ مِنَ الْحَيِّ ۖ وَتَرْزُقُ مَن تَشَاءُ بِغَيْرِ حِسَابٍ   तूलेजल लैले फ़िन्नहारे व तूलेजन नहारे फ़िल्लैले व तुखरजल हय्ये मिनल मय्यते व तुखरजल मय्यते मिन्ल हय्ये व तरज़ोक़ो मन तशाओ बेग़ेरिन हेसाब (आले इमारान-27)

अनुवाद: वही है जो रात को दिन और दिन को रात बना देता है, और जीवित चीज़ को निर्जीव बना देता है, और जीवित चीज़ में से निर्जीव को निकाल देता है, और जिसे चाहता है उसे जीविका प्रदान करता है।

कुरआन की तफ़सीर:

1️⃣ घूर्णन का क्रम ईश्वर की शक्ति की अभिव्यक्तियों में से एक है।
2️⃣ दिन और रात की अवधि में कमी और अधिकता मनुष्य की भलाई और कल्याण के लिए है।
3️⃣ अल्लाह की शक्ति से, मृतकों में से जीवित और जीवितों में से मृत का अस्तित्व मे आना।
4️⃣ अल्लाह जिसे चाहता है और जितना चाहता है उतना जीविका देता है।
5️⃣ अल्लाह जिसे चाहता है प्राकृतिक कारणों और कारकों की आवश्यकता के बिना जीविका देता है।
6️⃣ संसार की प्रकृति को नियंत्रित करने वाली व्यवस्था एक योजना के अधीन और ईश्वर की बुद्धि के अनुसार है।

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तफसीर राहनुमा, सूर ए आले इमरान

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