हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान में भारत के सांस्कृतिक सलाहकार बलराम शुक्ला ने जामेअतुज जहरा का दौरा किया और इस अकादमिक और शिक्षण संस्थान के निदेशक और अधिकारियों से मुलाकात कर चर्चा की।
इस बैठक में सुश्री बरक़ई ने ईरान और दुनिया भर में महिलाओं को शैक्षणिक और शैक्षणिक सेवाएं प्रदान करने में जामेअतुज जहरा की सेवाओं का परिचय दिया और कहा: दुनिया के विभिन्न देशों के छात्र जामेअतुज ज़हरा से स्नातक कर रहे हैं, उनमें से कुछ शैक्षणिक, सांस्कृतिक और मिशनरी गतिविधियों में लगे हुए हैं और महिलाओं के सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
जामेअज जहरा की प्रिंसिपल ने इस शैक्षणिक संस्थान के अंतर्राष्ट्रीय विभाग की पहली स्नातक छात्रा को भारतीय छात्रा बनाया और कहा कि वह वर्तमान में भारत में एक मदरसे की प्रिंसिपल हैं और महिलाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण में लगी हुई हैं ।
बातचीत के अंत में, उन्होंने भारत के शैक्षणिक और सांस्कृतिक केंद्रों के साथ सांस्कृतिक संबंध स्थापित करने, फ़ारसी भाषा की शिक्षा और उपदेश के क्षेत्र में महिलाओं के प्रशिक्षण की अपनी इच्छा की घोषणा की।
ज्ञात हो कि भारतीय कवि और सांस्कृतिक सलाहकार बलराम शुक्ल ने कल इस विश्वविद्यालय के संचार और अंतरराष्ट्रीय मामलों के उपाध्यक्ष हज्जत अल-इस्लाम वाल के साथ ईरान में यूनिवर्सिटी ऑफ रिलीजन एंड रिलीजन (धर्म और धर्म विश्वविद्यालय) का दौरा किया। -मुस्लिमीन मोहम्मद मेहदी तस्कीरी। भारत के साथ संवाद और शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक संबंधों पर जोर दिया गया।