۱۳ آذر ۱۴۰۳ |۱ جمادی‌الثانی ۱۴۴۶ | Dec 3, 2024
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हौज़ा / पूरी दुनिया में शांति के रहनुमा ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने हाल ही में मोहम्मद मुख़बिर को अपना विशेष सलाहकार और सहायक नियुक्त किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने हाल ही में मोहम्मद मुख़बिर को अपना विशेष सलाहकार और सहायक नियुक्त किया है।

यह नियुक्ति न केवल ईरान की आंतरिक राजनीति बल्कि वैश्विक मंच पर भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। मोख़बर, जिन्हें पहले उपराष्ट्रपति के रूप में जाना जाता था, अपनी कड़ी मेहनत, नेतृत्व और असाधारण प्रबंधन क्षमताओं के लिए प्रसिद्ध हैं। वे ईरान की राजनीति और आर्थिक क्षेत्र में एक अनुभवी और सक्षम नेता के रूप में उभरे हैं।

इमाम ख़ामेनेई के नियुक्ति पत्र का सार

आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने मोख़बर को उनकी प्रबंधकीय क्षमताओं और युवा प्रतिभाओं को उभारने में उनकी नीतियों के लिए सराहा। ख़ामेनेई के पत्र में कहा गया है:

बिस्मिल्लाह-इर-रहमान-इर-रहीम

प्रिय डॉ. मोहम्मद मोख़बर,

मैं आपको आपकी समर्पित सेवाओं और विशेष रूप से शहीद रईसी की सरकार में आपके प्रभावी और उच्च स्तर के प्रबंधन एवं आर्थिक क्षेत्रों में योगदान को ध्यान में रखते हुए, इस्लामी क्रांति के नेता का सलाहकार और सहायक नियुक्त करता हूँ।

आपकी योग्यताओं को देखते हुए, मैं आपको इस पद पर नियुक्त करते हुए आशा करता हूँ कि आप आगे भी इसी नीतिगत दिशा में कार्य करेंगे। युवा और प्रतिभाशाली लोगों की पहचान और उन्हें विभिन्न सरकारी विभागों में सही ढंग से शामिल करने का प्रयास जारी रखें।

आपको विभिन्न परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए नियुक्त किया गया है। मैं आपकी सफलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ और आशा करता हूँ कि आप इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा के साथ निभाएंगे।

मोहम्मद मोख़बर: प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

मोहम्मद मोख़बर का जन्म ईरान के दक्षिण-पश्चिमी खुझेस्तान प्रांत में हुआ। उन्होंने ईरान की प्रख्यात शैक्षिक संस्थाओं से अपनी शिक्षा पूरी की, जिसके बाद उन्होंने कई प्रशासनिक और आर्थिक पदों पर कार्य किया। मोख़बर की शिक्षा और प्रारंभिक करियर से यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने अपने कौशल और योग्यता को निखारने के लिए बहुत मेहनत की है। उन्होंने कई उच्च-स्तरीय संगठनों और संस्थानों के साथ काम किया, जिससे उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में गहरी समझ और अनुभव प्राप्त हुआ।

मोख़बर की प्रमुख सलाहियतें और अनुभव

मोहम्मद मोख़बर की करियर की यात्रा चार दशकों तक फैली हुई है, जिसमें उन्होंने विभिन्न उच्च स्तरीय पदों पर कार्य किया। 1980 के दशक में, ईरान-इराक युद्ध के दौरान, मोख़बर ने चिकित्सा अधिकारी के रूप में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) में सेवाएं दीं। इस भूमिका के माध्यम से उन्होंने आपातकालीन स्थितियों में नेतृत्व कौशल और संसाधन प्रबंधन की क्षमता को साबित किया।

1990 के दशक में मोख़बर ने दूरसंचार क्षेत्र में नेतृत्व किया और ईरान के खुझेस्तान प्रांत में दूरसंचार सेवाओं को बेहतर बनाया। इसके बाद 2000 के दशक में उन्हें मस्तजफान फाउंडेशन का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया, जो ईरान की सबसे बड़ी व्यावसायिक संस्थाओं में से एक है। इस पद पर रहते हुए उन्होंने बैंकिंग, दूरसंचार और अन्य आर्थिक क्षेत्रों में सुधार और विकास की दिशा में काम किया।

हालांकि, उनके आर्थिक सुधारों और सफलताओं के कारण, मोख़बर को यूरोपीय और अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा, जो उनके नेतृत्व में किए गए सुधारों को रोकने के उद्देश्य से लगाए गए थे। इसके बावजूद, मोख़बर ने कठिनाइयों का सामना किया और ईरान के आर्थिक हितों की रक्षा की।

COVID-19 संकट के समय का नेतृत्व

मोख़बर का सबसे महत्वपूर्ण योगदान COVID-19 महामारी के दौरान सामने आया, जब उन्होंने ईरान में महामारी के प्रबंधन और वैक्सीन विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे "Execution of Imam Khomeini’s Order (EIKO)" के प्रमुख के रूप में COVID-19 वैक्सीन "COVIran Barekat" के उत्पादन और वितरण की प्रक्रिया का नेतृत्व कर रहे थे। यह वैक्सीन, जो ईरान की पहली घरेलू रूप से निर्मित वैक्सीन थी, को विकसित करना और इसे बड़े पैमाने पर रोलआउट करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।

हालांकि, उनके नेतृत्व में वैक्सीन वितरण को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें सुरक्षा और प्रभावकारिता से संबंधित विवाद भी शामिल थे। लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद, मोख़बर ने संकट के समय में अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित किया, और ईरान की स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए।

इमाम ख़ामेनेई का विश्वास और नियुक्ति

मोहम्मद मोख़बर की नई भूमिका को लेकर सर्वोच्च नेता इमाम ख़ामेनेई का उन पर विश्वास और समर्थन स्पष्ट है। ख़ामेनेई ने मोख़बर को एक ऐसे योग्य और भरोसेमंद सहयोगी के रूप में देखा, जो न केवल आर्थिक नीतियों में कुशल है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ईरान के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक साबित हो सकते हैं।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने यह स्पष्ट किया कि मोख़बर की नेतृत्व क्षमता, नीतिगत समझ, और प्रशासनिक कौशल उन्हें इस पद के लिए सही उम्मीदवार बनाते हैं। उनकी नियुक्ति ऐसे समय में की गई है जब ईरान को आंतरिक आर्थिक संकट और अंतरराष्ट्रीय दबावों का सामना करना पड़ रहा है। इस भूमिका में, मोख़बर को कई नई चुनौतियों का सामना करना होगा, जिसमें आर्थिक स्थिरता, विदेशी निवेश की कमी, और ईरान पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध शामिल हैं ।

मोख़बर की भविष्य की चुनौतियां और अवसर

मोहम्मद मोख़बर की नियुक्ति ऐसे समय में की गई है जब ईरान कई आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है। इन चुनौतियों में आर्थिक प्रतिबंध, तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, और अंतरराष्ट्रीय दबाव शामिल हैं। इसके अलावा, ईरान की आंतरिक राजनीति में सुधार की आवश्यकता है, और सामाजिक असंतोष को शांत करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

मोख़बर की इस नई भूमिका में उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी ईरान की आर्थिक नीतियों में सुधार लाना, विदेशी निवेश आकर्षित करना, और वैश्विक मंच पर ईरान की स्थिति को मजबूत करना होगा। इसके अलावा, उन्हें सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी सुधार लाने के लिए नीतिगत सुझाव देना होगा, ताकि ईरान के नागरिकों की समस्याओं का समाधान हो सके।

एक कुशल और प्रतिबद्ध नेता

मोहम्मद मोख़बर की नियुक्ति इस बात का संकेत है कि ईरान के सर्वोच्च नेता इमाम ख़ामेनेई को उन पर गहरा विश्वास है। मोख़बर ने अपने पूरे करियर में अपनी नेतृत्व क्षमता और नीतिगत समझ का प्रदर्शन किया है। उन्होंने आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में अपने अनुभव का सफलतापूर्वक उपयोग किया है, और उन्होंने ईरान की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

उनकी नई भूमिका में, मोख़बर को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन उनके अनुभव और कुशलता के साथ, वे ईरान को आर्थिक और राजनीतिक रूप से स्थिर और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनका करियर इस बात का प्रमाण है कि उन्होंने कठिनाइयों के बावजूद अपने कर्तव्यों का पालन किया है, और उनकी नई नियुक्ति से यह उम्मीद की जा रही है कि वे ईरान के लिए नई नीतियों और विकास के रास्ते तैयार करेंगे।

मोहम्मद मोख़बर की नियुक्ति न केवल उनके व्यक्तिगत कौशल और उपलब्धियों का सम्मान है, बल्कि यह ईरान की नीतिगत दिशा को भी दर्शाती है।

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