हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ह़ज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी ने केंद्रीय कार्यालय नजफ़ अशरफ़ में अलनजफ़ इस्लामिक ऑनलाइन यूनिवर्सिटी की छात्राओं के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया जिसमें भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, नॉर्वे, अमेरिका, कनाडा, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब की छात्राएं थीं।
मरज ए आली क़द्र ने अपने ख़िताब में फ़रमाया के जो व्यक्ति अपने शैक्षणिक कार्यों में चार कार्य पूरे नहीं करता मैं उसे विद्यार्थी नहीं मानता उन्होंने कहा कि वह अपने शुरुआती छात्र जीवन से ही छह काम करते थे लेकिन मैं आपसे केवल चार काम करने के लिए कह रहा हूं और जो यह चार काम करेगा, मैं उसे दो और काम भी बताऊंगा।
1 शिक्षक को जो पाठ पढ़ाना है उसे पढ़ना चाहिए और बिना किताब की शरह (विवरण) के उसे समझने का प्रयास करना चाहिए अगर आप मजबूर हैं तो शरह (विवरण) से मदद ले सकते हैं।
2 शिक्षक पर पूरा ध्यान दें, यहां तक कि उसकी हरकतों पर भी, कि शिक्षक ने कहां आवाज उठाई और कहां कम की इस पर भी पूरा ध्यान दें।
3 आपने जो पाठ पढ़ा है उस पर किसी सहपाठी से चर्चा करें।
4 जो किताब पढ़ रहें हैं इस किताब को शुरू से दोहराते रहें।
मरज ए आली क़द्र ने बारगाहे ख़ुदावन्दी में उनकी आगे की सफलता के लिए दुआ करते हुए उन्हें सलाह दी कि वे खुद को तक़वे के आभूषण से सजाएं और अपने कार्यों को अपने शब्दों से पहले उपदेश का साधन बनाएं।