۱۰ آبان ۱۴۰۳ |۲۷ ربیع‌الثانی ۱۴۴۶ | Oct 31, 2024
समाचार कोड: 391802
10 अक्तूबर 2024 - 17:39
लखनऊ

हौज़ा / बुधवार को लखनऊ के छोटा इमामबाड़ा में "आइए जानें, आतंकवाद क्या है?शीर्षक से एक सेमिनार का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम का उद्देश्य आतंकवाद की सही परिभाषा इसके कारणों और इस्राइल द्वारा थोपे गए इस युद्ध के दौरान किस तरह से गलत धारणाएं निर्दोष लोगों को प्रभावित कर रही हैं इस पर चर्चा हुई।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,लखनऊ /इज़रायल-गाजा युद्ध के एक साल के अंतराल में, गाजा में 42,000 से अधिक निर्दोष नागरिक मारे गए हैं और इज़रायल की बमबारी में लेबनान में 2000 लोग मारे गए हैं। जिसमे बड़ी तादाद में औरतें और बच्चे शामिल हैं ।

लेकिन पश्चिमी और भारतीय मीडिया का एक बड़ा हिस्सा जानबूझकर लोगों को गलत जानकारी दे रहा है। मीडिया युद्ध अपराधी इज़रायल और उसके वैश्विक सहयोगी अमेरिका का महिमामंडन कर रहा है, जबकि उसका मुख्य काम लोगों को सच बताना है। साथ ही कठपुतली मीडिया आम फिलिस्तीनियों, लेबनानी और हिज़्बुल्लाह और हमास जैसी प्रतिरोध सेनाबल को आतंकवादी बता रहा है जो कि असत्य और अस्वीकार्य है।

आइए जानें,आतंकवाद क्या है?

मीडिया द्वारा फैलाया जा रहा गलत सूचना अभियान भारतीय सरकार के कानूनों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों दोनों की अवहेलना करता है इन ज्वलंत चिंताओं को संबोधित करने के लिए, बुधवार को लखनऊ के छोटा इमामबाड़ा में "आइए जानें, आतंकवाद क्या है?" शीर्षक से एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आतंकवाद की सही परिभाषा, इसके कारणों और इस्राइल द्वारा थोपे गए इस युद्ध के दौरान किस तरह से गलत धारणाएं निर्दोष लोगों को प्रभावित कर रही हैं, इस पर चर्चा करना था।

इस सेमिनार ने आतंकवाद और मीडिया में इसके गलत चित्रण के बारे में संवाद, जागरूकता और समझ के लिए एक मंच प्रदान किया। इस कार्यक्रम में न्याय, मानवाधिकार और कानून के शासन को बनाए रखने के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया गया।

कार्यक्रम में मौलाना कल्बे जव्वाद, स्वामी आनंद नारायण जी महाराज, मौलाना रज़ा हैदर, मौलाना यासूब अब्बास, मौलाना सलमान नदवी, मौलाना जहांगीर आलम कासिमी, मौलाना मुस्तफा मदनी, वरिष्ठ पत्रकार कुर्बान अली और एडवोकेट हैदर ऐजाज़ सहित प्रमुख विद्वानों, समुदाय के नेताओं और कानूनी विशेषज्ञों ने बात की इस विषय पर उनके विचार इस प्रकार हैं।

आइए जानें,आतंकवाद क्या है?

एडवोकेट हैदर ऐजाज़: “अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने इज़रायल पर गाजा में नरसंहार करने का आरोप लगाया है और फिलिस्तीन में उसके बसने को अवैध करार दिया है I

पत्रकार कुर्बान अली:दुनिया में इज़रायली आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं है संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इसकी निंदा की है। इजरायल का समर्थन करने के लिए अमेरिका का एजेंडा मानवता की हत्या करना और पश्चिम एशिया में तबाही मचाना है।

मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी, इज़राइल और अमेरिका ने फ़िलिस्तीनियों पर अत्याचार किया है और उनकी ज़मीन पर अतिक्रमण किया है। इज़रायल आतंकवाद का मुख्य स्रोत है उन्होंने हज़ारों महिलाओं और बच्चों को मार डाला है। हिज़्बुल्लाह और हमास महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानी हैं, आतंकवादी नहीं।

आइए जानें,आतंकवाद क्या है?

मौलाना यासूब अब्बास:इस्लाम का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है इस्लाम में एक निर्दोष व्यक्ति को मारना मानवता की हत्या माना जाता है और एक निर्दोष को बचाना पूरी मानवता को बचाने के समान माना जाता है। लेकिन पक्षपाती मीडिया हिजबुल्लाह के महासचिव हसन नसरल्लाह को आतंकवादी बता रहा है, जबकि भारतीय समूह द्वारा इसे आतंकवादी समूह की सूची में नहीं रखा गया है।

भारत को हसन नसरल्लाह और ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी का एहसानमंद होना चाहिए, जिन्होंने इराक के तिकरित में आईएसआईएस आतंकवादी समूह से 46 भारतीय नर्सों को बचाया।

मौलाना जहांगीर आलम कासिमी: “धर्म और संप्रदायों से परे मानवता के लिए एकजुट होना समय की मांग है। जब जुल्म बढ़ता है, तो यह जुल्म करने वाले को खत्म कर देता है।

मौलाना मुस्तफा मदनी:किसी भी धर्म में आतंकवाद की कोई गुंजाइश नहीं है और इस्लाम खुद आतंकवाद की अवधारणा की निंदा करता है।

मौलाना सलमान नदवी:इस सेमिनार का मकसद लोगों को जागरूक करना है। इस मामले में शिया और सुन्नी मुसलमान एकजुट हैं फिलिस्तीन और लेबनान में जुल्म करने वालों को सज़ा मिलेगी।

आइए जानें,आतंकवाद क्या है?

उनके अलावा मौलाना मन्ज़र सादिक, मौलाना इस्तफा रज़ा, मौलाना अख्तर अब्बास जॉन, मौलाना हसनैन बाकरी, मौलाना सकलैन बाकरी और डॉ. कल्बे सिब्तैन नूरी भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस कार्यक्रम के आयोजकों ने भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र को आवश्यक कदम उठाने के लिए दो ज्ञापन भी भेजे हैं। भारत सरकार को भेजे गए ज्ञापन में फिलिस्तीन के लिए अपने रुख की पुष्टि करने तथा मीडिया चैनलों को लेबनानी मिलिट्रे समूह हिजबुल्लाह और फिलिस्तीनी प्रतिरोधी बल हमास को आतंकवादी समूह के रूप में लेबल न करने की मांग की गई है।

जबकि हम इस तथ्य को जानते हैं कि भारत ने उन्हें आतंकवादी समूहों की सूची में नहीं रखा है। साथ ही शांति और भाईचारे को कायम रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक कदम आगे बढ़ाएं।

संयुक्त राष्ट्र को लिखे ज्ञापन में संयुक्त राष्ट्र से अनुरोध किया गया है कि वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इज़राइल के खिलाफ याचिका दायर करे तथा इस युद्ध को रोकने के लिए हस्तक्षेप करे, जिसने सबसे बड़ा मानवीय संकट पैदा किया है तथा विश्व को तीसरे विश्वयुद्ध की ओर धकेल रहा है।

इस सेमिनार का आयोजन न्याय, सत्य और शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध 30 से अधिक प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा किया गया था जिसमें मजलिसे उलेमा ए हिंद, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड, शिया उलेमा असेंबली, ऐनुल हयात ट्रस्ट, इदारा इल्म ओ दानिश, एचईडब्ल्यूएस, एफएमटी, मेहदियन्स, अवधनामा आदि शामिल हैं।

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .