۱۸ آبان ۱۴۰۳ |۶ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 8, 2024
مولانا ممتاز علی مرحوم

हौज़ा / हौज़ा इल्मिया मदरसा जाफ़रिया कोपा गंज मऊ यू.पी.के प्रिंसिपल ने एक संदेश में मौलाना मुमताज़ अली की अलमनाक रहलत पर गहरे दुख और अफसोस का इज़हार करते हुए ताज़ियत पेश किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार, हौज़ा इल्मिया मदरसा जाफ़रिया, कोपा गंज, मऊ, यू.पी. के प्रिंसिपल हुज्जतुल इस्लाम मौलाना शमशीर अली मुख्तारी के ताज़ियती संदेश का मज़मून निम्नलिखित है:

यह जानगुदाज़ ख़बर सुनकर सख्त सदमा हुआ कि साहिब ए इस्म बामसम्मा हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लिमीन अलहाज मौलाना शेख़ मुमताज़ अली ग़ाज़ीपुरी, इमाम जुमा व जमात इमामिया हॉल दिल्ली अब हमारे दरमियान नहीं रहे।

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन।

इस दौर ए क़हतुल रिज़ाल में हमसे एक और हमदर्द-ए-क़ौम-ओ-मिल्लत, मुबल्लिग, मदर्रिस, मुसन्निफ़, मौलिफ़ और बेहतरीन ख़तीब जुदा हो गया। मरहूम मदरसा ए वाइज़ीन लखनऊ में क़याम के दौरान से ही तलबा से बड़ी बेतकल्लुफ़ी से मिलते थे और हौज़ा इल्मिया क़ुम मुक़द्दसा में तो उनकी यह ख़ासियत और ज़्यादा नुमायां हुई।

अनगिनत उलमा और तलबा से मुशफिकाना अंदाज़ में मिलना सबको बेहतरीन मशवरे देना, हंसते चेहरे और बेहतरीन अख़लाक के साथ सबसे पेश आना मरहूम की ख़ासियतों में शामिल था।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना शेख़ इब्न हसन वाइज़ दाम ज़िल्लहू ने कई बार बातचीत में मरहूम के ज़माना ए तलब-ए-इल्म से लेकर ज़िंदगी के हर मरहले की तारीफ की। यक़ीनन मरहूम एक बेमिसाल आलिम-ए-दीन थे।

आह! हुज्जतुल इस्लाम मौलाना शमशीर अली मुख्तारी हिल्म के जिस्म थे। अफ़सोस कि वे अब सुपुर्द-ए-लहद हो गए। खुदावंद करीम उनकी रूह के दर्जात बुलंद फरमाए और ऐसे मुखलिस हमदर्द-ए-क़ौम-ओ-मिल्लत का जल्द से जल्द बेहतरीन बदला दे! आमीन।

और अल्लाह तआला से दुआ करता हूं कि अल्लाह तआला मरहूम की मगफिरत करें और परिवार वालों को सब्र अता करें।

शरीक-ए-ग़म:

मौलाना शमशीर अली मुख्तारी, निदेशक, हौज़ा इल्मिया मदरसा जाफ़रिया, कोपा गंज, मऊ, यू.पी.भारत
 

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