हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, नई दिल्ली / मस्जिद नबवी के इमाम अब्दुल्ला बिन अब्दुल रहमान अल बैजन ने रामलीला मैदान में जमीयत अहल-ए-हदीस द्वारा आयोजित दो दिवसीय 35वें अहल-ए-हदीस सम्मेलन को संबोधित किया। भारत में विकास, स्थिरता और प्रलोभन और भ्रष्टाचार से सुरक्षित रहना। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया और इस्लाम जगत भारत की ओर हसरत भरी नजरों से देख रहा है। उन्होंने भारतीय मुसलमानों से इस्लाम की रक्षा और प्रसार के लिए आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया मानवता की रक्षा को लेकर चिंतित है इस्लाम ने अपनी स्थापना के बाद से मानवता की रक्षा के लिए कई कार्य किए हैं। इस्लाम ने सदैव मानवता की रक्षा का प्रयास किया है। इस विषय पर प्यारे पैगंबर (स) से संबंधित कई हदीसें हैं।
इस मौके पर अब्दुल रहमान बिन अब्दुल्ला अल-ज़ायद ने मानवता के सामने मौजूद चुनौती पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज इस मंच के माध्यम से मानवता की सुरक्षा और सम्मान के लिए जो संवाद किया जा रहा है, वह सराहनीय है। उन्होंने आगे कहा कि आज पूरी दुनिया में अराजकता का माहौल है और इस्लाम का संदेश पूरी दुनिया में फैलाने की जरूरत है। इस कार्यक्रम को मौलाना अरशद मदनी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हम दुआ करते हैं कि अल्लाह ताला इस जलसे को कामयाब बनाएं और इसका संदेश को फैलाएं ताकि हमारा पुराना इतिहास जिंदा रह सके और जो लोग दुनिया में नफरत का बाजार गर्म कर रहे हैं वो नाकाम हो जाएं।
मरकज़ी जमीयत अहले हदीस हिंद के अमीर मौलाना असगर अली इमाम मेहदी सलफी ने अपने संबोधन में इस्लाम की रोशनी में मानवता की सुरक्षा और महिलाओं, खासकर बहनों के अधिकारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में बहनों को उनका हक दिलाने के मुद्दे पर भाई द्वारा रिश्ते तोड़े जा रहे हैं। ऐसे माहौल में हमारी सरकार समान नागरिक संहिता लाकर महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की बात कर रही है।
इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में विद्वान एवं बुद्धिजीवी उपस्थित थे। इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए मस्जिद नबवी के इमाम विशेष रूप से भारत आए हैं। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र का संचालन मौलाना अब्दुल हकीम अब्दुल माबूद मदनी शेख हदीस जामिया रहमानिया कंडिओली मुंबई ने किया।