۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
शोक सभा

हौज़ा / मौलाना जलालुद्दीन उमरि के निधन पर विद्वानों और बुद्धिजीवियों के केंद्र जमात-ए-इस्लामी हिंद में शोक सभा का आयोजन किया गया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार मौलाना जलालुद्दीन उमरि के निधन पर विद्वानों और बुद्धिजीवियों के केंद्र जमात-ए-इस्लामी हिंद में शोक सभा का आयोजन किया गया। इसमें विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किए और उनकी उपलब्धियों को याद किया। मौलाना जलालुद्दीन उमरी की प्रमुख विशेषताओं में से एक उनकी व्यापकता है।

उन्होंने कहा कि वे एक विपुल लेखक थे, उनकी रचनाओं का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया गया है। वह आमतौर पर उन विषयों को कलम उठाते थे रहे थे जो सुलग रहे होते थे जिनके बारे में बहुत कम लिखा गया हो। उन्होंने कुरान और हदीस, पूर्ववर्तियों की किताबों, सला-ए-सालीहीन और आधुनिक विज्ञान का जो भी विषय लिखा था, उसका पूरा इस्तेमाल किया। उन्होंने आधुनिक विज्ञान से लाभ उठाने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की पढ़ाई नियमित रूप से पूरी की।

उन्होंने कहा कि वह जिस विषय पर लिखते थे उस पर बहुत ही सहज और समझने योग्य तरीके से लिखते थे। उन्होंने यह सारा काम दावति मसरूफ़ीयात, तहरीक-ए-इस्लामी नेतृत्व की व्यस्तताओं और अन्य व्यस्तताओं के बीच किया। ये बातें अमीर जमात-ए-इस्लामी हिंद सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने जमात-ए-इस्लामी हिंद के केंद्र मस्जिद-ए-इस्लाम में आयोजित शोक सभा में कही।

उन्होंने आगे कहा कि मौलाना युवावस्था से ही जमात के केंद्रीय नेतृत्व से जुड़े थे। इस दौरान उन्होंने पार्टी की विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। जमात-ए-इस्लामी हिंद न केवल उनका कार्यक्षेत्र था, बल्कि राष्ट्र के कई क्षेत्रों में असाधारण सेवाएं देना दिवंगत मौलाना की एक अनूठी विशेषता थी। तुम्हारे जाने से बहुत सी खामियां पैदा हो गई हैं।

इस मौके पर जमीयत उलेमा हिंद के मुफ्ती अब्दुल रज्जाक ने कहा कि मौलाना को देश और पूरी दुनिया की चिंता थी और उनकी मौत से पैदा हुए खला को भरना मुश्किल लगता है।

सेंट्रल जमीयत अहल हदीस के अमीर अली इमाम असगर सलफ़ी महदी ने कहा कि दिवंगत मौलाना की किताबें उनकी बड़ी उपलब्धि हैं। युवा पीढ़ी को उनकी पुस्तकों का उपयोग करना चाहिए।

मौलाना आजाद विश्वविद्यालय जोधपुर के पूर्व अध्यक्ष प्रो. अख्तर अल वसी ने कहा कि आलिम की मृत्यु आलम की मृत्यु है। उनके निधन का दर्द पूरी दुनिया में महसूस किया जा रहा है। मौलाना का निधन हो गया है लेकिन उनकी किताबें प्रकाश देती रहेंगी।

ऑल इंडिया मुस्लिम काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नवीद हामिद ने कहा कि मौलाना एक असाधारण व्यक्ति थे। उनमें मर्यादा और विनम्रता का भाव था। अन्य विज्ञानों के अलावा, उनके पास न्यायशास्त्र में बड़ी क्षमता थी।

अखिल भारतीय शिया परिषद के सचिव मौलाना आगा जलाल हैदर नकवी ने कहा कि राष्ट्रीय मुद्दों पर मुझे उनसे काफी सहयोग मिला है।

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