हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , पाकिस्तान के शहर पाराचिनार में हुए दर्दनाक और भावुक हादसे की कड़ी निंदा करते हुए जम्मू कश्मीर से संबंधित युवा धार्मिक प्रचारक मौलाना वसीम रज़ा क़ुमी ने तकफ़ीरियत को इस्लाम और मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया।
उन्होंने इस कृत्य को क्रूरता का सबसे बुरा उदाहरण करार दिया और कहा कि यह गुट इस्लामिक एकता को तोड़ने नफरत फैलाने और चरमपंथ बढ़ाने के लिए इसतिबकार अत्याचारी शक्तियों के इशारों पर काम कर रहा है।
मौलाना वसीम रज़ा ने कहा कि ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत के करम ज़िले में निर्दोष मासूम बच्चों महिलाओं और बुज़ुर्गों को निशाना बनाना बहादुरी नहीं बल्कि कायरता की निशानी है।
पाकिस्तान में शिया मुसलमानों पर ज़ुल्म और अत्याचार का यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है जो शांति और सुरक्षा के संस्थानों की असफलता और बेबसी को दर्शाता है।
उन्होंने इस घटना में शामिल अपराधियों को इस्लाम और मानवता का दुश्मन बताते हुए मानवाधिकार के वैश्विक संगठनों और संयुक्त राष्ट्र से तुरंत कार्रवाई करने की अपील की।
मौलाना ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना और शोक व्यक्त करते हुए शहीदों के ऊंचे दर्जे के लिए प्रार्थना की।