हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,यमन की सशस्त्र सेनाओं द्वारा इज़रायली शासन पर किए गए मिसाइल हमलों का फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों ने न केवल स्वागत किया, बल्कि इसे ज़ायोनी शासन के खिलाफ बढ़ते संघर्ष में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
फिलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन मुजाहिदीने फिलिस्तीन ने मंगलवार सुबह अपने बयान में कहा,हम यमन की सशस्त्र सेनाओं के मुजाहिदीन द्वारा ज़ायोनी कब्जे के गढ़ पर किए गए नए मिसाइल हमले की बधाई देते हैं यह हमला यमन की अदम्य शक्ति और उनके संघर्ष की वैधता का प्रमाण है।
अलजज़ीरा नेटवर्क ने इस बयान को उद्धृत करते हुए कहा कि यमन की ओर से होने वाले ये हमले इज़रायली अमेरिकी आक्रमण की विफलता का स्पष्ट संकेत हैं। यमन के इन हमलों ने न केवल इज़रायली शासन की सैन्य क्षमता को चुनौती दी है बल्कि यह भी दिखाया है कि यमन की जनता और उसकी सेना अपने सम्मान और संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
कुछ समय पहले इज़रायली सेना ने एक बयान में पुष्टि की कि यमन से दागी गई कम से कम दो बैलिस्टिक मिसाइलें तेल अवीव की ओर लक्षित थीं जिसके बाद उनके रक्षा तंत्र सक्रिय हो गए। इस हमले ने ज़ायोनी शासन की रक्षा प्रणाली की कमजोरियों को उजागर किया और यह संदेश दिया कि यमन के मुजाहिदीन अब एक निर्णायक भूमिका निभाने में सक्षम हैं।
यमन का यह कदम एक स्पष्ट संदेश है कि वे न केवल अपने देश पर हो रहे आक्रमण का प्रतिरोध कर रहे हैं, बल्कि फिलिस्तीन समेत उन सभी अन्यायों के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं, जो इज़रायल और उसके सहयोगियों द्वारा दुनिया भर में किए जा रहे हैं।
यह हमले यह भी दर्शाते हैं कि यमन और फिलिस्तीन के प्रतिरोध बल आपसी एकजुटता और सहयोग से इज़रायली शासन को कमजोर करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहे हैं।
यमन की यह कार्रवाई केवल सैन्य महत्व तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक राजनीतिक और वैचारिक संघर्ष का प्रतीक भी है, जिसमें वह अन्याय के खिलाफ खड़े होने वाले हर समुदाय और राष्ट्र को प्रेरित करती है।
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