हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , ग़ाज़ा पट्टी से इज़रायली शासन के ठिकानों पर रॉकेट हमले की खबरों ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया इज़रायली मीडिया ने जानकारी दी कि नेगेव रेगिस्तान और ग़ाज़ा पट्टी के आस-पास के अवैध बस्तियों में रॉकेट हमले के चेतावनी सायरन सक्रिय हो गए जिससे इन इलाकों में रहने वाले ज़ायोनी नागरिकों में हड़कंप मच गया।
इज़रायली शासन के चैनल 12 के संवाददाता ने दावा किया कि ग़ाज़ा पट्टी से दो रॉकेट दागे गए जिनमें से एक को उनकी हवाई सुरक्षा प्रणाली आयरन डोम’ द्वारा सफलतापूर्वक रोका गया हालांकि दूसरे रॉकेट के जमीन पर गिरने और उससे हुए संभावित नुकसान की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
इस हमले की जिम्मेदारी फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन ‘हमास’ के सैन्य विंग ‘कताइब अल-क़स्साम’ ने ली है उन्होंने अपने बयान में कहा कि यह हमला ग़ाज़ा पट्टी और अन्य फिलिस्तीनी इलाकों में ज़ायोनी शासन द्वारा किए जा रहे नागरिक नरसंहार के जवाब में किया गया है। कताइब अलक़स्साम ने पुष्टि की कि उनके लड़ाकों ने इज़रायली अवैध बस्ती ‘नेतिवोत’ की ओर कई रॉकेट दागे।
ग़ाज़ा पट्टी में हाल के हफ्तों में इज़रायली हमलों में सैकड़ों फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इन हमलों में फिलिस्तीनी घरों, स्कूलों और अस्पतालों को निशाना बनाया गया, जिससे इलाके में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। हमास ने इन हमलों को फिलिस्तीनी जनता के खिलाफ ज़ायोनी शासन की ‘युद्ध अपराध’ नीति करार दिया है और चेतावनी दी है कि उनके प्रतिरोध की कार्रवाई जारी रहेगी।
यह रॉकेट हमला फिलिस्तीनी प्रतिरोध के उस व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने इज़रायली शासन को जवाब देने और अपने अधिकारों की रक्षा करने की बात कही है हमास के सैन्य विंग ने कहा कि ज़ायोनी शासन के हर हमले का जवाब दिया जाएगा और फिलिस्तीनी जनता की सुरक्षा के लिए प्रतिरोध तेज़ किया जाएगा।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब ग़ाज़ा पट्टी में मानवीय संकट गहराता जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने बार-बार ज़ायोनी शासन से ग़ाज़ा पट्टी पर हमले रोकने और बातचीत का रास्ता अपनाने की अपील की है, लेकिन ज़ायोनी नेतृत्व ने अब तक इन अपीलों को नजरअंदाज किया है।
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