हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,एक इज़रायली अधिकारी के हवाले से बताया है कि तेल अवीव ने 34 इज़रायली बंदियों की एक सूची हमास को सौंपी है जिनकी रिहाई वह कैदियों के पहले चरण के समझौते में चाहता है। अधिकारी ने यह भी कहा कि यह संभावना है कि सूची में शामिल कुछ बंदी शायद जीवित न हों।
इस बीच हमास ने घोषणा की है कि, कैदियों की अदला-बदली पर बातचीत शुक्रवार को दोहा में फिर से शुरू हुई हमास ने पूर्ण संघर्ष-विराम, कब्जाधारी सैनिकों की ग़ाज़ा से वापसी और विस्थापितों को उनके घरों में लौटाने के अपने प्रयासों पर जोर दिया।
बीते दिन इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने दोहा में इज़रायली वार्ता टीम को पर्याप्त अधिकार देने पर सहमति जताई इससे पहले क़तरी अखबार अल-अरबी अल-जदीद ने बताया था कि नेतन्याहू ने ग़ाज़ा में संघर्ष-विराम और कैदियों की अदला-बदली के समझौते को बाधित करने के लिए नई चालें चलीं।
इज़रायली प्रधानमंत्री एक तरफ अपने कैबिनेट में चरमपंथी सहयोगियों को युद्ध समाप्ति के खिलाफ राज़ी करने और दूसरी तरफ ग़ाज़ा में हमास से अधिक रियायतें हासिल करने के प्रयासों के बीच संघर्ष-विराम वार्ता को बाधित करने में जुटे है।
इस संबंध में, एक मिस्री सूत्र ने अल-अरबी अल-जदीद को बताया कि पिछले एक सप्ताह से वार्ता अच्छे परिणाम की ओर बढ़ रही थी। मिस्री और क़तरी मध्यस्थ लगभग अंतिम ड्राफ्ट पर पहुंच चुके थे, जिसे संबंधित पक्षों को सौंपा जाना था। हमास ने सैनिकों की वापसी, युद्ध समाप्ति और कैदियों की संख्या पर व्यवहारिक प्रस्ताव दिए थे। लेकिन अचानक नेतन्याहू ने अपनी अवरोधक रणनीति से सबको खोका दिया।
नेतन्याहू ने अपनी वार्ता टीम के माध्यम से नई मांगें पेश कीं जैसे कि कैदियों की नई सूची और ग़ाज़ा से इज़रायली सैनिकों की वापसी के लिए नई शर्तें और समयसीमा। इसके विपरीत, ग़ाज़ा में फिलिस्तीनी प्रतिरोध के एक नेता ने अल-अरबी अल-जदीद से कहा कि नेतन्याहू द्वारा समझौते के इस नए चरण में रियायतों के बाद भी जो संशोधन मांगे गए हैं, वे वार्ता के खिलाफ एक प्रकार की साज़िश के समान हैं।
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