हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हौज़ा इल्मिया ईरान के मीडिया और डिजिटल स्पेस सेंटर के प्रमुख, उनके सदस्य और संवाददाताओं ने मजलिस उलमा-ए-हिंद के सचिव हुज्जतुल इस्लाम वाल मुस्लेमीन मौलाना सय्यद कल्बे जवाद नकवी से हौज़ा न्यूज एजेंसी के मुख्य कार्यालय में मुलाकात की। इस मुलाकात में हौज़ा न्यूज एजेंसी की कार्यप्रणाली, सेवाओं और मौजूदा चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई।
हौज़ा न्यूज की गतिविधियों पर रिपोर्ट पेश की गई
मुलाकात की शुरुआत में हौज़ा न्यूज एजेंसी के अंतर्राष्ट्रीय सेवा के प्रमुख, जनाब अली फकीह ने मौलाना का स्वागत करते हुए न्यूज एजेंसी की गतिविधियों पर रोशनी डाली और कहा कि हौज़ा न्यूज विभिन्न भाषाओं में अपनी सेवाएं दे रहा है और दुनिया भर में महत्वपूर्ण घटनाओं को प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने पाराचिनार की घटना का उदाहरण देते हुए बताया कि हौज़ा न्यूज ने इस घटना की सबसे पहले रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसे बाद में मराज ए एज़ाम और आयतुल्लाह अराफ़ी ने पढ़ा और अपने विचार व्यक्त किए।
उन्होंने बताया कि हौज़ा न्यूज ने पिछले साल हिंदी में वेबसाइट की शुरुआत की, जो अब सफलता से काम कर रही है। इसके अलावा, हौज़ा न्यूज के अन्य प्रोजेक्ट्स, जैसे "उफ़ुक़-ए-हौज़ा" साप्ताहिक अखबार और "हौज़ा टीवी" का भी उल्लेख किया और कहा कि न्यूज एजेंसी शंकाओं के सटीक जवाब देने में सक्रिय है।
कोरोना महामारी के दौरान छात्रों की भूमिका
हौज़ा न्यूज एजेंसी के मुख्य संपादक जनाब शबान अली ने इस अवसर पर कहा कि हौज़ा न्यूज एजेंसी, हौज़ा इल्मिया का प्रवक्ता होने के नाते मराज ए इकराम की खबरों के लिए एक विशेष पृष्ठ प्रकाशित करती है। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब लोग अपने रिश्तेदारों को दफनाने से कतराते थे, हौज़ा के छात्रों ने बड़ी जिम्मेदारी से उन लावारिस शवों का दफन करने का कार्य संभाला, चाहे सरकार ने इस पर आपत्ति ही क्यों न जताई हो।
दुश्मन के प्रचार-प्रसार का मुकाबला
हौज़ा इल्मिया ईरान के मीडिया और डिजिटल स्पेस सेंटर के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन रज़ा रुस्तमी ने कहा कि दुश्मन यह चाहता है कि उलेमा जनता से दूर हो जाएं ताकि वे धर्म की अपनी मनमर्जी से व्याख्या कर सकें। इस संदर्भ में हौज़ा न्यूज एजेंसी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
मौलाना कल्बे जवाद नकवी का सम्बोधन
मौलाना सय्यद कल्बे जवाद नकवी ने मुलाकात के दौरान आयत करीमा: "الَّذِينَ يُبَلِّغُونَ رِسَالَاتِ اللَّهِ..." की तिलावत की और मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यहूदी दुनिया के मीडिया पर नियंत्रण स्थापित किए हुए हैं, जिसका प्रभाव भारत में भी देखा जाता है। क़ासिम सुलेमानी की शहादत के बाद भारतीय मीडिया ने उन्हें आतंकवादी के रूप में पेश किया, क्योंकि उनका स्रोत यहूदी मीडिया था। मौलाना ने कहा कि हौज़ा न्यूज एजेंसी की जिम्मेदारी है कि वह दुनिया के सामने सत्य आधारित खबरें पेश करे।
मौलाना ने कहा कि इस समय दुनिया में 700 से ज्यादा अरबी चैनल ईरान, इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ सक्रिय हैं। उन्होंने हौज़ा न्यूज एजेंसी को "इलाही नेमत" बताया और कहा कि भारत में एजेंसी की हिंदी सेवाओं से एक संवेदनशीलता पैदा हुई है, और सरकार ने इसे इस्लामी क्रांति फैलाने का एक जरिया मान लिया है।
रहबर-ए-इन्क़लाब और दुश्मन के फितनों की हार
मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने आगे कहा कि जब ईरान ने इस्राइल पर हमला किया और इस्राइल ने धमकी दी, तो भारतीय मीडिया में अफवाह फैलाई गई कि आयतुल्लाह खामेनेई कहीं छुप गए हैं। लेकिन इन्क़लाब के रहबर की जुमे की नमाज ने इन सारी अफवाहों को समाप्त कर दिया।
मुलाकात के अंत में मौलाना ने हौज़ा न्यूज एजेंसी के काम की सराहना की और इसे समय की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बताया।
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