शुक्रवार 17 जनवरी 2025 - 15:59
इस्राईल ने "ग्रेटर इज़राइल" का नक्शा जारी किया, अरब देशों में हलचल

हौज़ा / इस हफ्ते, इस्राइली प्रधानमंत्री ने "ग्रेटर इज़राइल" का नक्शा जारी कर उन सभी अरब देशों को चौंका दिया, जो अब तक इस्राइल का समर्थन कर रहे थे और उसे एक वैध राज्य के रूप में मान्यता दे चुके थे। खासतौर पर जॉर्डन, मिस्र, यूएई और तुर्की जैसे देशों के लिए यह कदम मुश्किल भरा साबित हो रहा है, क्योंकि ये देश लंबे समय से इस्राइल के अस्तित्व को स्वीकार करते आए हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस्राइली प्रधानमंत्री ने "ग्रेटर इज़राइल" का नया नक्शा जारी किया है, जिसमें फिलिस्तीन, जॉर्डन, लेबनान और सीरिया के कुछ हिस्सों को इस्राइल का हिस्सा बताया गया है। इस कदम से अरब देशों, खासकर जॉर्डन, मिस्र, यूएई और तुर्की में गहरी चिंता फैल गई है। नक्शे में "ग्रेटर इज़राइल" की पूरी परिकल्पना शामिल नहीं है, जो नील नदी से फरात नदी तक के क्षेत्रों को कवर करती है, लेकिन इसे विस्तारवादी योजना का हिस्सा माना जा रहा है।

सऊदी अरब ने इस कदम को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन और चरमपंथी करार दिया है। फिलिस्तीन और जॉर्डन की सरकारों ने भी इसकी निंदा की है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि अरब देशों में इस्राइल के खिलाफ ठोस कदम उठाने की क्षमता नहीं है। इस्राइली आक्रमण के खिलाफ गाजा में संघर्षरत लोगों को महमूद अब्बास की सरकार से भी समर्थन नहीं मिल रहा, जिसकी आलोचना हमास ने की है।

"ग्रेटर इज़राइल" का विचार ज़ायोनी विचारधारा पर आधारित है, जो नील से फरात तक यहूदी अधिकार की बात करता है। 1948 में इस्राइल ने फिलिस्तीन की जमीन पर राज्य स्थापित किया, और अब यह नया नक्शा इस्राइल की विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं को उजागर करता है।

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