हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में हर साल की तरह इस बार भी मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी और अली सोसाइटी के तत्वावधान में हज़रत अली (अ) के जन्मदिवस के शुभ अवसर पर दुर्लभ किताबों और पांडुलिपियों की प्रदर्शनी आयोजित की गई। इसका उद्घाटन एएमयू की कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून ने किया और उन्होंने प्रदर्शनी में रखी ऐतिहासिक किताबों और पांडुलिपियों का गहराई से अवलोकन किया।
इस प्रदर्शनी में ऐतिहासिक महत्व की दुर्लभ किताबें और पांडुलिपियाँ प्रदर्शित की गईं। इनमें 900 साल पुराना "नहजुल बलाग़ा" का एक प्राचीन संस्करण, हाथ से लिखे 6 ऐतिहासिक दस्तावेज़, विभिन्न भाषाओं की किताबें, और चर्मपत्र पर लिखे हुए "कूफी लिपि" में कुरआन के अंश शामिल थे।
प्रोफेसर नईमा खातून ने लाइब्रेरियन प्रोफेसर निशात फातिमा द्वारा तैयार की गई दुर्लभ पुस्तकों और पांडुलिपियों की कैटलॉग का विमोचन भी किया। इसमें शाहजहाँ की बेटी जहाँआरा द्वारा लिखी कुरआन की आयतें, हज़रत अली (अ) की प्रशंसा में "क़सीदा हाफिज़", और शाही कविताएँ शामिल थीं।
इस अवसर पर एएमयू के अधिकारी, शिक्षक, और शोधकर्ता मौजूद रहे, जिनमें रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान, डीन प्रोफेसर रफीउद्दीन, प्रोफेसर एम वसीम अली, और अली सोसाइटी के अध्यक्ष प्रोफेसर आबिद अली ख़ान प्रमुख थे।
यह आयोजन हज़रत अली (अ) की शिक्षाओं और उनके योगदान को याद करने का एक अनूठा प्रयास था।
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