हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , बहरैन के 110 उलमा और धार्मिक प्रचारकों ने एक बयान जारी करते हुए इज़राइल के साथ संबंध सामान्य बनाने के समझौतों को रद्द करने की मांग की है।
उन्होंने इस्लामी सिद्धांतों की पालन करने फिलिस्तीनी प्रतिरोध का समर्थन करने और दुश्मन की विस्तारवादी साजिशों का मुकाबला करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
गाज़ा में युद्धविराम के अवसर पर जारी इस बयान में बहरैनी उलमा ने देश के शैक्षिक पाठ्यक्रम में इस्लाम के सिद्धांतों से संबंधित सामग्री विशेष रूप से मस्जिद अक्सा और फिलिस्तीन के मुद्दे की अहमियत को सुरक्षित रखने की मांग की। उन्होंने शैक्षिक सामग्री की निगरानी की ज़रूरत पर भी जोर दिया ताकि धार्मिक सिद्धांत और पवित्रता संरक्षित रहे।
उलमा ने कहा कि फिलिस्तीनी जनता के प्रतिरोध ने ज़ायोनी सरकार को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया जिसका गाजा की सीमाओं से बाहर भी गहरा प्रभाव पड़ा उन्होंने कहा,फिलिस्तीनी जनता ने साबित कर दिया है कि राष्ट्रों का दृढ़ संकल्प अजेय है और सत्य अंततः विजयी होता है।
बयान में फिलिस्तीनियों की एकता और इस्लामी व अरब एकजुटता को मजबूत करने की जरूरत पर बल दिया गया ताकि प्रतिरोध को शक्ति मिले। उलमा ने ज़ायोनी कब्जे वाली राज्य के अपराधों के खिलाफ एक वैश्विक गठबंधन बनाने और फिलिस्तीनियों को उनके वतन और पवित्र स्थलों, विशेष रूप से मस्जिद अक्सा की वापसी के लिए समर्थन देने की अपील की है।
उन्होंने हदीस-ए-मुबारक "
المسلم أخو المسلم، لا یَظْلِمُهُ ولا یخذُلُهُ ولا یحقِرُهُ"
मुसलमान, मुसलमान का भाई है, न वह उस पर ज़ुल्म करता है, न उसे अकेला छोड़ता है और न उसे तुच्छ समझता है का हवाला देते हुए कहा कि मुस्लिम उम्मत और सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे फिलिस्तीन और उसके प्रतिरोध का पूरा समर्थन करें और गाजा की निर्दयतापूर्ण नाकाबंदी को समाप्त करें। उन्होंने पुनर्निर्माण और मानवीय सहायता की बाधा रहित आपूर्ति पर भी जोर दिया।
उलमा ने दुश्मन की विस्तारवादी योजनाओं जो फरात से नील तक और अरब प्रायद्वीप के बड़े हिस्से तक फैली हुई हैं का उल्लेख करते हुए कहा कि जनता और शासकों को इन साजिशों के खिलाफ पूरे संसाधनों के साथ खड़ा होना चाहिए।
बयान में फिलिस्तीन की जीत के लिए दुआ ज़ायोनी उत्पादों के बहिष्कार गाजा की वित्तीय और आध्यात्मिक मदद और प्रतिरोध के समर्थन में मीडिया की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया गया।
उलमा ने इस चरण को फिलिस्तीन की आज़ादी की ओर एक नए सफर की शुरुआत करार दिया और दुआ की कि अल्लाह फिलिस्तीन के शहीदों को स्वीकार करे, घायलों को शिफा दे और मुजाहिदीन के कदम मजबूत करे।
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