हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार,हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की विलादत के मौके पर आसान हिंदी में कुरआन मजीद का तर्जुमा बहुत सारी खुसूसीयात के साथ मौजूद है जिसका ज़िक्र नीचे किया जा रहा है।
क़ुरआन मजीद के तरजुमे की चन्द ख़ुसूसियात:
1- हिन्दुस्तान की आज़ादी के बाद शियों की तरफ़ से पहला मुस्तक़िल तरजुमा (यानी इसे उर्दू से बदल कर हिन्दी में नहीं लिखा गया है)।
2- बहुत ही आसान हिन्दी में।
3- रवाँ तरजुमा।
4- जो लोग क़ुरआन के तरजुमा को पहली बार पढ़ रहे हों, उनको भी आसानी से समझ में आने वाला तरजुमा (चाहे वे लोग मुस्लिम हों या ग़ैर-मुस्लिम)।
5- क़ुरआन में सख़्त अल्फ़ाज़ जैसे फ़य, अन्फ़ाल और क़िसास वग़ैरा की वज़ाहत।
6- जिन आयतों पर ग़ैर-मुस्लिम एतराज़ करते हैं, उनका footnote में जवाब।
7- क़ुरआन पढ़ते वक़्त ज़ेहन में आने वाले सवालात का footnote में जवाब।
8- जदीद साइंस के हिसाब से भी बहुत से points को उजागर करने वाला।
9- क़ुरआन के अरबी मतन से ज़्यादा से ज़्यादा क़रीब रहते हुए तरजुमा।
10- आज के दौर में जिन लोगों के पास तफ़सीर की मोटी-मोटी किताबों को देखने का वक़्त नहीं, उनके लिए ज़रूरत भर footnote में वज़ाहत।
11- ख़ूबसूरत cover, उमदा काग़ज़, बेहतरीन printing।
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