हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान के महासचिव अमीरुल अज़ीम ने कहा है कि जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान की सबसे व्यवस्थित और लोकतांत्रिक पार्टी है जहां कार्यकर्ताओं को अभिव्यक्ति की जितनी स्वतंत्रता प्राप्त है उतनी किसी अन्य राजनीतिक दल में कल्पना भी नहीं की जा सकता है।
जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं की निरंतर संघर्ष और लियाकत बाग़ के सामने 14 दिनों के धरने ने न सिर्फ शासकों को बिजली के अन्यायपूर्ण बिलों और आईपीपी के साथ हुए शर्मनाक समझौतों पर पुनर्विचार करने पर मजबूर किया बल्कि कार्यकर्ताओं के लगातार संघर्ष ने जनता का ध्यान जमात-ए-इस्लामी की ओर आकर्षित किया।
इन विचारों का इज़हार उन्होंने मरकज़ ए इस्लामी पेशावर में जमात-ए-इस्लामी खैबर पख्तूनख्वा मध्य के तहत हर स्तर के जिम्मेदारों के लिए आयोजित लीडरशिप वर्कशॉप के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए किया।
वर्कशॉप में जमात ए इस्लामी के ज़िला नेशनल असेंबली, ज़ोनल और एनसी स्तर पर स्थापित संगठनों के अमीर, नाज़िम और ज़िम्मेदारों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
अमीरुल अज़ीम ने कहा,अपनी दावत (संदेश) से ऐसा लगाव होना चाहिए कि दुनिया उसे स्वीकार करे ग़ाज़ा के पीड़ित मुसलमानों ने दुनिया की ताक़तवर टेक्नोलॉजी के मुक़ाबले में अपने ईमानी जज़्बे के साथ जो अमिट बलिदान दिया उसने दुनिया के इतिहास में प्रतिरोध और अपनी भूमि व उद्देश्य के प्रति निष्ठा की नई मिसाल क़ायम कर दी।
अमीर अब्दुल वासे ने अपने संबोधन में कहा,इस समय पूरे प्रांत में कानून-व्यवस्था की स्थिति अत्यधिक खराब हो चुकी है।कुछ क्षेत्रों में 12 से 18 घंटे की अन्यायपूर्ण लोडशेडिंग ने जनता का जीवन दयनीय बना दिया है।
6 फरवरी को किसान बोर्ड के साथ परामर्श के बाद प्रांतीय सरकार द्वारा लगाए गए कृषि आयकर और सुपर टैक्स के खिलाफ कार्य योजना की घोषणा की जाएगी।
इस वर्कशॉप में विभिन्न विशेषज्ञों ने संगठन निर्माण, स्थानीय समितियों की स्थापना और सक्रियता, वित्तीय स्थिरता, सदस्यता बढ़ाने, सोशल मीडिया की भूमिका और उसके प्रभावी उपयोग पर व्याख्यान दिए।
आपकी टिप्पणी