हौज़ा न्यूज़ एजेंसी बुशहर के एक संवाददाता के अनुसार, ईरानी शहर दैर के इमाम जुमा, हुज्जतुल इस्लाम सय्यद अली हुसैनी ने दैर शहर में हुसैनिया हज़रत अबल फ़ज़्ल (अ) में आयोजित आयादे शबानिया समारोह में बोलते हुए कहा : हमारे शहीद, उनका जज्बा और बलिदान वे धर्म के ध्वजवाहक हैं, जो हजरत कमर बनी हाशिम (अ) के अनुयायी और सर्वोच्च नेता के वफादार योद्धा के रूप में धर्म और मातृभूमि की खातिर अपने प्राणों की आहुति देने के लिए हमेशा तैयार रहते थे।
उन्होंने कहा: हज़रत अबू अब्दिल्लाहिल हुसैन (अ) ने हमें दृढ़ता, साहस और उत्पीड़न के आगे न झुकने का पाठ पढ़ाया है। ईरानी लोगों के बलिदान, इस्लामी क्रांति और पवित्र रक्षा के दौरान प्रतिरोध, तथा गाजा और लेबनान के लोगों की दृढ़ता, ये सभी इमाम हुसैन (अ) के स्कूल से निकले हैं।
दैर के इमाम जुमा ने कहा: हमें इमाम हुसैन (अ) के व्यक्तित्व को केवल आशूरा तक सीमित नहीं रखना चाहिए। उन्होंने युवाओं को इमाम हुसैन (अ) और कमर बनी हाशिम (अ) के समय पर नमाज अदा करने के आग्रह की याद दिलाई और उन्हें नमाज पर कायम रहने की सलाह दी।
हुज्जतुल इस्लाम हुसैनी ने कहा: हज़रत कमर बनी हाशिम (अ) हमेशा विलायत के अधीन रहे, और आज हमारे रक्षक और सैनिक भी इस बात पर गर्व करते हैं कि वे वली फ़कीह के आज्ञाकारी हैं। अगर हम विलायत के आज्ञाकारी बने रहें तो दुश्मन हमें कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता।
दैर शरह के इमाम जुमा ने आगे कहा: हज़रत क़मर बनी हाशिम (अ) एक अंतर्दृष्टि वाले व्यक्ति थे और दुश्मन की धोखेबाज़ मुस्कान के झांसे में नहीं आते थे। हमें भी दुश्मन की भ्रामक मुस्कुराहट के जाल में नहीं फंसना चाहिए।
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