बुधवार 5 फ़रवरी 2025 - 23:08
शहीद सैयद हसन नसरल्लाह और शहीद सय्यद हाशिम सफ़ीउद्दीन की ऐतिहासिक शव यात्रा एक जनमत संग्रह की तरह है

हौज़ा /हिज़्बुल्लाह लेबनान की राजनीतिक काउंसिल के उपाध्यक्ष महमूद क़माती ने कहा कि शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह और शहीद सय्यद हाशिम सफ़ीउद्दी की ऐतिहासिक शव यात्रा एक जनमत संग्रह की तरह है, जो हिज़्बुल्लाह के साथ जनता के गहरे संकल्प और प्रतिबद्धता को साबित करती है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हिज़्बुल्लाह लेबनान की राजनीतिक काउंसिल के उपाध्यक्ष महमूद क़माती ने कहा कि शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह और शहीद सय्यद हाशिम सफ़ीउद्दी की ऐतिहासिक शव यात्रा एक जनमत संग्रह की तरह है, जो हिज़्बुल्लाह के साथ जनता के गहरे संकल्प और प्रतिबद्धता को साबित करती है।

उन्होंने कहा कि यह विशाल जनसमूह यह साबित करता है कि लेबनानी जनता प्रतिरोध के सिद्धांतों के साथ खड़ी है और लेबनान की स्वतंत्रता के उद्देश्य से गहरे जुड़े हुए हैं। क़माती के अनुसार, 23 फरवरी का दिन लेबनान के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो राष्ट्रीय स्वतंत्रता और संप्रभुता को और भी मजबूत करेगा, खासकर ऐसे समय में जब रमजान और यौम अल-कुद्स करीब हैं।

महमूद क़माती ने कहा कि शव यात्रा के सभी चरणों को अधिकतम सुरक्षा और राष्ट्रीय उपायों के तहत किया जाएगा, और इसमें लेबनान के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण शख्सियतें भी शामिल होंगी। उन्होंने शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह को वैश्विक स्वतंत्रता आंदोलनों का प्रतिनिधि बताते हुए कहा कि वे केवल लेबनान के नहीं, बल्कि उम्मत मुस्लिमा के एक महान नेता थे।

प्रतिरोध किसी भी चुनौती का मुकाबला करेगा

क़माती ने सुरक्षा की जटिल स्थितियों का उल्लेख करते हुए कहा कि हिज़्बुल्लाह दुश्मन के हमलों और दबाव से डरने वाली नहीं है, क्योंकि प्रतिरोध का रास्ता हमेशा कठिनाइयों और युद्धों से गुजरता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इज़राइली आक्रामकता के खिलाफ रक्षा का निर्णय हिज़्बुल्लाह की नीति और रणनीति पर निर्भर होगा और अमेरिका किसी भी हालात में लेबनानी जनता को अपनी रक्षा के अधिकार से वंचित नहीं कर सकता।

उन्होंने लेबनान में अमेरिकी प्रभाव की आलोचना करते हुए कहा कि राजनीतिक स्तर पर देश अमेरिकी प्रभुत्व और इज़राइली आक्रामकता के सामने खड़ा है, लेकिन हिज़्बुल्लाह इस दबाव के बावजूद अपनी संघर्ष जारी रखेगी।

लेबनानी जनता, प्रतिरोध की नींव

दक्षिणी लेबनान की जनता की बहादुरी को सलाम करते हुए क़माती ने कहा कि उनकी स्वतंत्रता और बलिदानों ने सीमाओं की स्वतंत्रता को संभव बनाया। उन्होंने कहा कि लेबनानी जनता एक ऐसी मां की तरह है जिसने प्रतिरोध को जन्म दिया, और यह प्रतिरोध हमेशा उनकी पहचान का हिस्सा रहेगा।

अपने भाषण के अंत में महमूद क़माती ने जोर देकर कहा कि हिज़्बुल्लाह किसी भी चुनौती की परवाह किए बिना अपने मिशन पर कायम रहेगा और इज़राइली आक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध के लक्ष्यों को पूरा करने से कभी पीछे नहीं हटेगा।

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