होज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, आयतुल्लाह जवाद मरवी ने कहा कि आज इस्लामी क्रांति के आशीर्वाद से शिया संप्रदाय पूरी दुनिया में फैल चुका है। उन्होंने कहा कि छात्रो को अहले-बैत (अ) के अनुयायियों की मदद करने के लिए अध्ययन करना चाहिए। आजकल युवाओं के पास सेवा करने के लिए कई रास्ते हैं, जैसे विश्वविद्यालयों में विभिन्न शैक्षिक क्षेत्र, सैन्य, पुलिस और सामाजिक कार्य, ये सभी रास्ते समाज और धर्म की सेवा करने के लिए हैं।
आयतुल्लाह मरवी ने कहा कि समाज की सेवा और अहले- बैत (अ) के स्कूल की सेवा का सबसे अच्छा रास्ता, हजरत महदी (अ) की सेना में शामिल होना है। यह बात केवल मेरी नहीं है, बल्कि जो लोग समाजी मामलों और दुनिया में स्कूल के बढ़ते प्रभाव को समझते हैं, वे भी इसे स्वीकार करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में शिया धर्म को पूरी दुनिया में फैलाने का श्रेय इस्लामी क्रांति को जाता है, और यह बात एक ऐसे शख्स के द्वारा कही जा रही है जिसने 35 देशों का दौरा किया है। विद्यार्थी को इस वैश्विक जिम्मेदारी का उत्तर देने के लिए अपने अध्ययन में जुटना चाहिए।
आयतुल्लाह मरवी ने कहा कि हजरत महदी की सेना में शामिल होना आज गर्व की बात है, लेकिन इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें और जिम्मेदारियां भी हैं।
उन्होंने छात्रों से कहा कि वे हमेशा अहले-बैत (अ) की शिक्षाओ को सीखने में अपनी पूरी मेहनत लगाएं। विद्यार्थी तब ही दूसरों की मदद कर सकता है जब वह अहले-बैत के समग्र ज्ञान से अवगत हो, चाहे वह साहित्य, फिक़्ह या उसूल हो।
आयतुल्ला मरवी ने हौज़ा के शिक्षकों से भी अनुरोध किया कि वे विद्यार्थियों को उनके पाठ्यक्रम की उपयोगिता और व्यावहारिकता के बारे में समझाएं।
उन्होंने कहा कि नैतिकता और इखलास पर ध्यान देना भी एक और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। अगर हम वैज्ञानिक ज्ञान के साथ-साथ इखलास और नैतिक मूल्यों को अपनाते हैं, तो समाज हमारी मदद करेगा।
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