गुरुवार 20 फ़रवरी 2025 - 11:18
पुणे में हज़रत इमाम ज़माना (अ) के शुभ जन्म दिवस के उपलक्ष मे शनदार जश्न का आयोजन + फ़ोटो

हौज़ा / पुणे, महाराष्ट्र में हज़रत इमाम ज़माना अ.स. की विलादत के मौके पर इमाम ज़माना कम्युनिटी सेंटर (IZCC) व नूरी में एक अनोखे और शानदार जश्न का आयोजन किया गया जिसमें मोमिनीन ने जोश व ख़रोश के साथ शिरकत की।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , पुणेपुणे, महाराष्ट्र में हज़रत इमाम ज़माना अ.स. की विलादत के मौके पर इमाम ज़माना कम्युनिटी सेंटर (IZCC) व नूरी में एक अनोखे और शानदार जश्न का आयोजन किया गया जिसमें मोमिनीन ने जोश व ख़रोश के साथ शिरकत की यह कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित किया गया पहला चरण वैज्ञानिक प्रतियोगिता और क्विज़ टेस्ट, और दूसरा चरण जश्न-ए-विलादत और पुरस्कार वितरण।

पहला चरण 11 शाबान:

इस चरण में वैज्ञानिक प्रतियोगिताओं और क्विज़ टेस्ट का आयोजन किया गया जिसमें विशेष रूप से युवा और बच्चों ने इमाम ज़माना (अ.स.) की पहचान और उनकी शिक्षाओं से जुड़े प्रश्नों में गहरी रुचि दिखाई और अपनी बौद्धिक क्षमता का प्रदर्शन किया।

दूसरा चरण 16 शाबान:

16 शाबान की शाम नमाज़-ए-मग़रिबैन के बाद IZCC व नूरी में मुख्य समारोह आयोजित हुआ जिसमें इमाम (अ.स.) की पहचान पर आधारित एक शानदार वैज्ञानिक सभा आयोजित की गई। इसके अलावा बच्चों के लिए हिफ़्ज़-ए-हदीस (हदीस याद करने) की प्रतियोगिता और एक बौद्धिक संवाद हुआ जिसमें इमाम ज़माना (अ.स.) की ग़ैबत और उनके ज़ुहूर से संबंधित विस्तृत चर्चा की गई।

इस अवसर पर विशेष संबोधन में हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना अस्करी इमाम ख़ान ने इमाम सज्जाद अ.स.की यह हदीस बयान की,ऐ अबू ख़ालिद! हमारे क़ाएम (अ.स.) की ग़ैबत के दौर के वे लोग जो उनकी इमामत को मानते हैं और उनके ज़ुहूर के इंतज़ार में हैं वे हर दौर के लोगों से बेहतर हैं।

मौलाना ने ज़ोर देकर कहा कि हमें इमाम ज़माना (अ.स.) के सच्चे इंतज़ार करने वालों में शामिल होने के लिए अपनी बौद्धिक और आध्यात्मिक पहचान को बढ़ाना होगा और अपनी ज़िम्मेदारियों को समझना होगा।

जश्न में इमाम (अ.स.) के चाहने वालों ने खूबसूरत मनक़बतें पेश कीं, जिससे पूरे माहौल में रूहानी एहसास छा गया। कार्यक्रम के अंत में यह दुआ की गई कि अल्लाह हमें इमाम ज़माना (अ.स.) के सच्चे अनुयायी बनने की तौफ़ीक़ अता करे।

कार्यक्रम के अंत में क्विज़ और अन्य प्रतियोगिताओं के विजेताओं को विशेष पुरस्कारों से नवाज़ा गया, जिससे प्रतिभागियों में खुशी की लहर दौड़ गई।

यह मुबारक और रूहानी सभा न केवल इमाम ज़माना (अ.स.) की पहचान और शिक्षाओं को बढ़ावा देने का एक ज़रिया बनी बल्कि मोमिनीन के बीच आध्यात्मिक और बौद्धिक संबंध को भी मज़बूत करने का अवसर साबित हुई। सभी उपस्थित मोमिनीन ने इस संकल्प के साथ समारोह को समाप्त किया कि वे इमाम (अ.स.) के ज़ुहूर की तैयारी के लिए अपनी बौद्धिक और व्यावहारिक कोशिशों को जारी रखेंगे।

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