हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, नजफ अशरफ़ के इमाम जुमा हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन स्ययद सदरुद्दीन कबांची ने जुमा की नमाज के खुत्बे मे कहा कि मराज ए इकराम ने मौजूदा हालात को इमाम महदी (अ) के ज़ुहूर की निशानीयो के साथ जोड़ने से मना करते हैं। उन्होंने कहा कि रिवायतो में कुछ निश्चित संकेतो का उल्लेख किया गया है, जिसमें आसमावू आवाज़, पश्चिम से सूर्य का उदय, दज्जाल का ज़ाहिर होना, नफ़्स ज़किया की हत्या और यमानी की उपस्थिति शामिल है।
इराक में स्थिति
उन्होंने इराक की मौजूदा स्थिति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि वफादार लोगों और मजबूत सत्ता के कारण देश किसी भी डर या चिंता से नहीं डरता।
हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स) का जन्म
उन्होंने हज़रत फातिमा ज़हरा के जन्म के अवसर पर हरम अमीरुल मोमिनीन (अ) द्वारा "हफ़्ता ए अफाफ" के जश्न का उल्लेख किया, और कहा कि अफाफ दोनों लिंगों के लिए शुद्धता और हराम से बचने की शिक्षा देता है।
महिला अधिकार
उन्होंने महिलाओं के अधिकारों को शुद्धता और समृद्ध जीवन के सिद्धांतों पर आधारित बताया और परिवार, सरकार और शैक्षिक प्रणाली पर सांस्कृतिक उपनिवेशवाद विरोधी जिम्मेदारी का आरोप लगाया।
जहूर इमाम के लिए दुआ
अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा: हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इमाम महदी (अ) के ज़ुहूर के लिए दुआ करें और इसके लिए आधार प्रदान करें।
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