शुक्रवार 21 फ़रवरी 2025 - 22:11
बेरूत रविवार के ऐतिहासिक दिन का इंतज़ार कर रहा है

हौज़ा/ नूजद़ शहर के इमाम जुमा ने शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह के अंतिम संस्कार का जिक्र करते हुए कहा, "बेरूत रविवार को एक ऐतिहासिक दिन का इंतजार कर रहा है। शहीद हसन नसरुल्लाह का अंतिम संस्कार न केवल लेबनान और अरब दुनिया में बल्कि पूरे विश्व में प्रतिरोध और स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाएगा।"

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, नूदज़ शहर के इमाम जुमा हुज्जतुल इस्लाम अली करीमी ने नमाज़ के खुत्बे में इलाही तक़वा की सलाह देते हुए कहा कि दुनिया और आख़ेरत की भलाई का रास्ता हर मोमिन के लिए, दुनिया और आख़िरत की भलाई हासिल करना है। उन्होंने इमाम सादिक (अ) से एक हदीस का जिक्र करते हुए कहा कि जब अल्लाह किसी बंदे की भलाई चाहता है, तो उसे दुनिया की इच्छाओं से बेपरवाह कर देता है और धर्म में जागरूक और उसको उसकी कमियों का ज्ञान देता है।

इमाम जुमा ने मस्जिदों की सफाई के कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि शाबान के आखिरी दशक को मस्जिदों की इज़्ज़त और सफाई का समय माना जाता है। हमारे महान इमाम ने पहले दिन से मस्जिदों को आध्यात्मिकता, शिक्षा और समाज का केंद्र बनाने का कार्य किया।

उन्होंने क्रांति के सर्वोच्च नेता के निर्देशानुसार का उल्लेख किया और कहा कि रहबरे इंक़ेलाब के अनुसार मस्जिदों को सक्रिय, आकर्षक और प्रभावशाली केंद्रों में बदलना चाहिए जो समाज की आध्यात्मिक और सामाजिक आवश्यकताओं का जवाब दे सकें।

नूदज़ शहर के इमाम जुमा ने शहीद हसन नसरुल्लाह के अंतिम संस्कार समारोह का जिक्र करते हुए कहा कि रविवार को बेरुत एक ऐतिहासिक दिन का इंतजार कर रहा है। शहीद हसन नसरुल्लाह का अंतिम संस्कार न केवल लेबनान और अरब दुनिया में बल्कि पूरे विश्व में प्रतिरोध और स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाएगा। यहां तक ​​कि यूरोप और लैटिन अमेरिका के युवाओं के बीच उन्हें विश्व चैंपियन के रूप में भी सराहा गया।

उन्होंने कहा कि शहीद हसन नसरुल्लाह ने अपनी शहादत से प्रतिरोध और स्वतंत्रता की एक स्थायी विरासत छोड़ी। वह केवल एक व्यक्ति नहीं थे, बल्कि एक मार्ग और एक विचारधारा थे, जो आगे भी जारी रहेगा।

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