हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन ग़ुलाम अली सफ़ाई बुशहरी ने मदाफ़े हरम शहीद मोहम्मद अहमदी जवान की याद में आयोजित मजलिस-ए-अज़ा में ख़िताब करते हुए और अय्याम-ए-फातिमिया की मुनासिबत से ताज़ियत पेश करते हुए कहा कि इमाम हुसैन अ.स. की जावेदानी और इल्हाम का राज़ आशूरा, शहीदों और उनके अल्लाह की राह पर क़दम बढ़ाने में है।
उन्होंने यह बयान करते हुए कहा कि क़ुरआन और अहल ए बैत अ.स. का नाम व निशान कभी खत्म नहीं होगा क्योंकि उनका अल्लाह से मजबूत रिश्ता है। उन्होंने कहा कि शहीद भी ऐसे ही होते हैं शहादत के बाद उनकी आसमानी ज़िंदगी शुरू होती है।
ईरान के बुशहर के इमामे जुमा ने आगे कहा कि अगर कर्बला में यज़ीद इमाम हुसैन अ.स. का नाम मिटाने में कामयाब हो जाता तो आज ग़ासिब इस्राइल भी शोहदा-ए-मुक़ावमत के नाम को मिटाने में कामयाब हो जाता लेकिन इंक़लाब-ए-इस्लामी, दिफ़ा-ए-मुक़द्दस और मुक़ावमत मोर्चे के शोहदा के नाम और निशान ज़िंदा हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि शैतानी मोर्चे के देश बहुत जल्द अपनी हार का अनुभव करेंगे और ग़ासिब सियोनवादी हुकूमत देखेगी कि शहीद सैय्यद हसन नसरुल्लाह का खून उसे किस तरह शिकस्त से दो चार करेगा।