हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "आयानुश शिया" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق علیه السلام:
مَنْ كَشَفَ حِجابَ غَيْرِهِ اِنْكَشَفَتْ عَوْراتُ بَيْتِـهِ.
इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने फ़रमाया:
जो दूसरों के दोष नहीं छिपाता, उसके परिवार के दोष लोगों के सामने प्रकट हो जाते हैं।
आयानुश शिया, भाग 1, पेज 674
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