हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनेई ने शहीद सैयद हसन नसरल्लाह और शहीद सैयद हाशिम सफीउद्दीन के जनाज़े के जुलूस और दफन की रस्म के अवसर पर एक संदेश दिया है।
संदेश कुछ इस प्रकार है:
بسم اللہ الرحمن الرحیم
قال اللّہ عزّ و جل: وَ لِلّٰہِ العِزَّۃُ وَ لِرَسولِہِ وَ لِلمُؤمِنینَ وَ لٰکِنَّ المُنافِقینَ لا یَعلَمون.(1)
सारी इज़्ज़त तो सिर्फ़ अल्लाह, उसके रसूल (सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम) और मोमेनीन के लिए है लेकिन मुनाफ़िक़ लोग (यह हक़ीक़त) जानते नहीं हैं।(1)
क्षेत्र में रेज़िस्टेंस के महान मुजाहिद और अग्रणी रहनुमा, हज़रत सैयद हसन नसरुल्लाह (अल्लाह उनके दर्जे बुलंद करे) आज इज़्ज़त की चोटी पर हैं। उनका पाकीज़ा शरीर अल्लाह की राह में जेहाद करने वालों की सरज़मीन में दफ़्न होगा लेकिन उनकी रूह और राह हर दिन ज़्यादा से ज़्यादा कामयाबी का जलवा बिखेरेगी इंशाअल्लाह और रास्ता चलने वालों का मार्गदर्शन करेगी।
दुश्मन जान ले कि क़ब्ज़े, ज़ुल्म और साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ रेज़िस्टेंस रुकने वाला नहीं है और अल्लाह की मर्ज़ी से अपनी मंज़िल तक पहुंचने तक जारी रहेगा।
जनाब सैयद हाशिम सफ़ीउद्दीन (रिज़्वानुल्लाह अलैह) का नेक नाम और दमकता चेहरा भी इस क्षेत्र के इतिहास का जगमगाता सितारा है। वे लेबनान में रेज़िस्टेंस के नेतृत्व के बहुत क़रीबी मददगार और अभिन्न अंग थे।
अल्लाह और उसके नेक बंदों का सलाम हो, इन दो कामयाब मुजाहिदों और दूसरे बहादुर और बलिदानी संघर्षकर्ताओं पर जो मौजूदा दौर में शहीद हुए और इस्लाम के सभी शहीदों पर और मेरा ख़ुसूसी सलाम हो आप पर अज़ीज़ फ़र्ज़न्दो! लेबनान के बहादुर जवानो।
सय्यद अली ख़ामेनेई
21 फ़रवरी 2025
(सूरए मुनाफ़ेक़ून, आयत-8)
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