۸ مهر ۱۴۰۳ |۲۵ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Sep 29, 2024
प्रमुख

हौज़ा / हौज़ा इल्मिया के प्रमुख ने अपने संदेश में मुजाहिद आलिम सैयद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि उलेमा, हौज़ा इल्मिया और सभी धार्मिक संस्थान हमेशा अल्लाह के वादे और अहद पर कायम रहेंगे और लेबनान, फ़िलस्तीन, हिज़्बुल्लाह और इस्लामी मुक़ावमत की जनता के साथ खड़े रहेंगे। हम सभी क़ौमों और हुकूमतों को इंतेक़ाम और जिहाद के लिए आमंत्रित करते हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हौज़ा इल्मिया के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा आराफी ने सैयद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर शोक संदेश जारी किया है।

शोक संदेश कुछ इस प्रकार है:

بسم الله قاصم الجبارین و مبیر الظالمین، انه خیر ناصر و معین

وَمِنَ النَّاسِ مَن یَشْرِی نَفْسَهُ ابْتِغَاء مَرْضَاتِ اللّهِ وَاللّهُ رَؤُوفٌ بِالْعِبَاد (بقره/۲۰۷)

अल्लाह तआला ने अपने ख़ास बंदों के लिए शहादत के दरवाज़े खोल दिए हैं पैगंबर ए आज़म स.ल.व. और आइम्मा-ए-अतहार अ.स.और सैयद-उश-शोहदा हज़रत इमाम हुसैन अ.स.ने हमें जिहाद और शहादत की राह दिखाई है।

आधुनिक युग में इमाम ख़ुमैनी र.ह. ने इस मशाल को रौशन किया, इस परचम को बुलंद किया और इस्लामी इंक़लाब के ज़रिए दुनिया की सियासत को पूरी तरह बदल दिया और मुस्तकबिरीन और सैयोनी को बुरी तरह शिकस्त दी।

उलमा ए इस्लाम ने हमेशा अल्लाह की राह में शहादत को और इंसानों तथा मुसलमानों की ख़िदमत को अपना फ़र्ज़ माना है।

आह! अब हम हैं और सैयद हसन नसरुल्लाह की शहादत का ग़म है यह अज़ीम शहीद हिज़्बुल्लाह लेबनान और इस्लामी मुक़ावमत के वो महान मुजाहिद और क़ायद थे, जो एक असाधारण शख़्सियत थे और इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव का सबब बने।

वो एक महान शख़्सियत अच्छे अख़लाक़ के नमूना, और अरबी व इस्लामी इज़्ज़त की अलामत थे मैदानी बहादुरी और रूहानी व सियासी बसीरत (दूरदर्शिता) के मालिक थे।

उन्होंने इस्लामी इंक़लाब के नजात बख़्श पैगाम और इमाम ख़ुमैनी क़ुदस सिरह रहबर-ए-मुआज़्ज़म हज़रत ख़ामनेई इमाम मूसा सादर और हिज़्बुल्लाह के शोहदा के रास्ते को लेबनान, फ़िलस्तीन और पूरी दुनिया के मुसलमानों में फैलाया और मज़लूम लेबनान को, जो एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि रखता है।

उन्होंने लेबनान को क्षेत्रीय मामलों का केंद्र बना दिया उनकी शख्सियत में एक ऐसी अद्भुत आकर्षण थी जिसकी खींच पूरी दुनिया में फैली हुई थी उनकी स्पष्ट दृष्टि, ऊँची आवाज़ और मजबूत नेतृत्व ने मुस्तकबिरों और सैयोनियों को हिला कर रख दिया था।

अल्लाह तआला की मदद उनकी शहादत और शहीद इस्माइल हनिय्या और हिज़्बुल्लाह व हमास के अन्य शहीद कमांडरों, और फ़िलस्तीन व लेबनान के बच्चों महिलाओं और पुरुषों की बड़ी संख्या और शहीद उलमा-ए-कराम के खून की बरकत से एक क्रांतिकारी तूफ़ान शुरू होगा और उम्मत-ए-मुस्लिमा ज़ालिमों को खत्म कर देगी।

उनकी शहादत और शहीद सरदार मुहाफिज़ निलफरोशान और सभी हालिया शहादतों पर हज़रत वली-ए-अस्र अ.स.व नजफ और दुनिया भर के हौज़ात-ए-इल्मिया, रहबर-ए-मुआज़्ज़म सैयद अली ख़ामनेई मराजे-ए-तकलिद पूरे क्षेत्र में प्रतिरोधी धारा, फ़िलस्तीन, लेबनान, यमन, इराक़ और अन्य देशों की क़ौमों, इस्लामी और अरब राष्ट्र, अज़ीज़ मिल्लत-ए-ईरान, हिज़्बुल्लाह, शोहदाए-मुक़ावमत और पासदाराने-इंक़लाब-ए-इस्लामी के परिवारों, ख़ासकर सैयद हसन नसरुल्लाह के खानदान की सेवा में संवेदना व्यक्त करते हैं।

इसी सिलसिले में हौज़ा इल्मिया में आम शोक का ऐलान किया जाता है और कल, 29 सितंबर 2024, इतवार के दिन सभी हौज़ा इल्मिया में तालीमी सरगर्मियां मुअत्तल रहेंगी और हौज़ा इल्मिया में उलमा और अवाम का एक विशाल इज्तिमा आयोजित किया जाएगा।

الا ان نصرالله قریب و ماالنصر الا من عندالله العزیز الحکیم.

अली रज़ा अआराफी 
प्रमुख हौज़ा इल्मिया 
28 सितंबर 2024

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