हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,मुंबई/ हज 2025 को आदर्श बनाने और हाजियों को सर्वोत्तम सुविधाएँ प्रदान करने के लिए हज कमेटी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में हज हाउस में दो दिवसीय हज ट्रेनर्स ऑफ ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
जिसमें देशभर से लगभग 700 हज ट्रेनर्स, राज्य हज समितियों के चेयरमैन, कार्यकारी अधिकारी तथा हज से जुड़े सभी संस्थानों और एजेंसियों के उच्च अधिकारी एवं प्रतिनिधि शामिल हुए।
इस दो दिवसीय हज ट्रेनर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव, डॉ. चंद्रशेखर कुमार ने कहा कि हज प्रबंधनों में देश की पाँच प्रमुख मंत्रालय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ राज्य सरकारें, हज कमेटी ऑफ इंडिया और कॉन्सुलेट जनरल ऑफ इंडिया पूरे वर्ष मिलकर कार्य करते हैं ताकि हाजियों की सुविधाओं में कोई कमी न रहे।
उन्होंने आगे कहा कि फिर भी सीमित समय में इतने बड़े कार्य को संपन्न करने में कहीं न कहीं कुछ कमियां रह ही जाती हैं अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव ने हज ट्रेनर्स को संबोधित करते हुए कहा कि वे हाजियों को यह समझाने में मदद करें कि हज सऊदी अरब में होता है, और हमें वहाँ के कानूनों और नियमों के दायरे में रहकर ही हाजियों को अधिकतम सुविधाएँ प्रदान करने का प्रयास करना होता है।
उन्होंने यह भी बताया कि हज के दिनों में लगभग 600 भारतीय अधिकारी, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ सऊदी अरब में हज प्रबंधन और हाजियों की सेवा में लगे रहते हैं इस अवसर पर, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव ने चार्ट बोर्ड का भी उद्घाटन किया जो हाजियों के सवालों का उत्तर देने में सहायक होगा।
इस अवसर पर, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव और हज मामलों के विशेषज्ञ, सी. पी. एस. बख्शी (आई. आर. एस.) ने हज ट्रेनर्स को संबोधित करते हुए कहा कि निस्संदेह आप सभी बधाई के पात्र हैं, क्योंकि आप बिना किसी व्यक्तिगत लाभ के केवल सवाब (पुण्य) के लिए हाजियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हज 2025 का बैच/समूह इस मायने में और भी विशेष और उल्लेखनीय है कि यह कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) के बाद हाजियों का मार्गदर्शन करेगा। आप सभी को पिछले वर्ष, यानी हज 2024 का अनुभव है, और उसी अनुभव का उपयोग करते हुए "सुविधा ऐप" और "चार्ट बोर्ड" की मदद से हाजियों को सऊदी अरब में सुविधाएँ प्राप्त करने के तरीकों के बारे में सिखाना चाहिए।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यदि हाजी सुविधा ऐप और चार्ट बोर्ड को अच्छी तरह समझ लें, तो यकीन मानिए, 90% समस्याएँ स्वतः समाप्त हो जाएँगी इसलिए, प्राथमिकता के आधार पर सुविधा ऐप और चार्ट बोर्ड को समझें ताकि हाजियों को किसी भी प्रकार की कठिनाइयों से बचाया जा सके।
इस अवसर पर हज कमेटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन, अब्दुल्ला कट्टी ने भी प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए हज ट्रेनर्स और हाजियों को सुविधाओं की जानकारी देने और उन्हें प्राप्त करने पर जोर दिया।
इस मौके पर, हज कमेटी ऑफ इंडिया के सी.ई.ओ., सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के निदेशक, और काउंसलर हज ने भी विस्तार से ट्रेनर्स को उनकी जिम्मेदारियों, हाजियों को होने वाली संभावित परेशानियों और उनके समाधान के बारे में बताया।
सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि हज ट्रेनर्स बहुत ही भाग्यशाली और ऊँचे मुकाम वाले हैं, क्योंकि वे हाजियों की तकलीफें दूर करने के लिए मैदान-ए-अमल (कार्य क्षेत्र) में हैं।
इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में उलमा-ए-किराम (इस्लामी विद्वान), चिकित्सा विशेषज्ञ और समाज के प्रतिष्ठित नेता भी शामिल हुए।
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