हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, मशहद के इमाम-ए-जुमा आयतुल्लाह सैयद अहमद इल्म अलहुदा ने हुसैनिया दफ्तर-ए-नुमाइंदा-ए-वली-ए-फकीह खुरासान रिज़वी में सूरह हज की आयत नंबर 40
الَّذِینَ أُخْرِجُوا مِنْ دِیَارِهِمْ بِغَیْرِ حَقٍّ... وَلَیَنْصُرَنَّ اللَّهُ مَنْ یَنْصُرُهُ إِنَّ اللَّهَ لَقَوِیٌّ عَزِیزٌ"
की तफ्सीर बयान करते हुए कहा,जिन लोगों को उनके घरों से बिना किसी हक के निकाला गया, और अल्लाह उसकी ज़रूर मदद करेगा जो उसकी मदद करेगा बेशक अल्लाह ताक़तवर और ग़ालिब है।इस आयत में सबसे पहला नुक्ता यह है कि जो खुदा की मदद करता है खुदा भी उसकी मदद करता है।
उन्होंने कहा, जब कोई दीन-ए-खुदा की मदद के लिए मैदान में आता है और मुस्तकबिरों के ज़ुल्म-ओ-जबर से बंदगान-ए-खुदा को निजात दिलाने की कोशिश करता है तो जब तक वह इस राह पर रहेगा खुदा भी उसकी मदद करेगा।
हौज़ा-ए-इल्मिया खुरासान की आला कौंसिल के इस सदस्य ने कहा, आज दुनिया में इस्लाम को निशाना बनाया जा रहा है। तारीख-ए-इस्लाम के शुरू से लेकर आज तक जितना इस दौर में नबी-ए-अकरम (स.अ.व.व) की मुबारक ज़ात पर हमला हो रहा है, पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की तमाम ताक़तें इस्लामी फिक्र के खिलाफ जंग लड़ रही हैं जिनमें सबसे आगे अमेरिका है।
उन्होंने कहा, जो भी वैश्विक व्यवस्था (Global Order) का नज़रिया रखता है वह इस्लाम का दुश्मन है उन्होंने सवाल उठाया कि क्यों दुनिया के दूसरे मुल्क इसराइल द्वारा लेबनान और ग़ज़ा के लोगों पर ढाए जा रहे मज़ालिम के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाते?
इसका सबब यह है कि वे इस्लाम को मिटाने के अमेरिकी मंसूबे में शरीक हैं इसलिए इन हालात में इस्लाम-दुश्मनों के खिलाफ मुक़ाबला करना हमारा फ़र्ज़ है।
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