हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, मजलिस वहदत मुस्लिमीन पाकिस्तान के संगठन के केंद्रीय सचिव अल्लामा मकसूद अली डोमकी ने जन्नत उल बक़ीअ के विध्वंस दिवस के अवसर पर कहा कि 8 शव्वाल 1344 हिजरी को सऊदी अरब के राजा अब्दुलअज़ीज़ बिन सऊद ने रसूल अल्लाह (स) और इमाम हसन मुजतबा (अ) की मां हज़रत बीबी फातिमा ज़हरा को दफनाया था। जन्नत उल बक़ीअ में इमाम ज़ैन अल-अबिदीन (अ) इमाम मुहम्मद बाकिर (अ) इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) और अल्लाह के रसूल (स) के सहाबा के पवित्र मज़ारों को नष्ट कर दिया गया। सऊद घराने ने पैगम्बर के परिवार के पवित्र तीर्थस्थलों का अनादर किया। उमय्या और अब्बासियों ने पैगम्बर के परिवार को शहीद कर दिया और आले सऊद ने पैगम्बर के परिवार की कब्रों का अनादर किया तथा उनकी दरगाहो को नष्ट कर दिया। लगभग सौ वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन आले सऊद निर्माण की अनुमति नहीं दे रहा है। सऊद हाउस ने इस जघन्य कृत्य से लाखों मुसलमानों को दुःख पहुंचाया है।
उन्होंने कहा कि आले सऊद हाउस ने अल्लाह की निशानीयो का अपमान करते हुए, सर ज़मीन वही में अश्लीलता और नग्नता को बढ़ावा दिया है। हिजाब और धार्मिक अनुष्ठानों का उल्लंघन किया। अमेरिका और इजराइल को गुलाम बनाते हुए उन्होंने यमनी मुसलमानों पर बमबारी की। और फ़िलिस्तीन और पहला क़िबला, मस्जिद अक़्सा को धोखा दिया।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर के लाखों शिया और सुन्नी मुसलमानों की यह लंबे समय से मांग रही है कि जन्नत उल-बक़ीअ और जन्नत उल-मौअल्ला का पुनर्निर्माण किया जाए।
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