हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, जामिअतुल ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा में शिक्षक दिवस (यौमे उस्ताद) के मौके पर एक शानदार और गरिमामय समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रमुख, अनुभवी शिक्षकों और शैक्षणिक व नैतिक सेवाएं देने वालों को श्रद्धांजलि और सम्मान पेश किया गया।
यह समारोह तालार-ए-बेदारी इस्लामी में आयोजित हुआ, जिसमें संस्था की शिक्षिकाओं, छात्राओं और प्रशासकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क़ुम के हौज़ा ए इल्मिया के प्रसिद्ध अध्यापक आयतुल्लाह करीमी जहरूमी थे, जिन्होंने शिक्षकों के सम्मान और उनके ऊँचे दर्जे पर विस्तार से भाषण दिया।
जामिअतुल ज़हरा (स.) की माननीय निदेशिका सैयदा ज़हरा बरक़ई और शिक्षण-प्रशिक्षण विभाग की सहायक मैडम यूसुफ़ी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।कार्यक्रम की शुरुआत में अंतर्राष्ट्रीय विभाग की छात्राओं ने मैडम बरक़ई को फूल और तोहफे भेंट किए और उन्हें शिक्षक दिवस की बधाई दी।
इस अवसर पर सतह-ए-दोम (दूसरे स्तर) की सक्रिय छात्रा कौसर अल-सादात अल-मसीलैनी ने "राह-ए-तलबगी" (इल्म की राह) के शीर्षक से एक भावनात्मक लेख पढ़ा, जिसमें उन्होंने जामिअतुल ज़हरा (स.ल.) में अध्ययन के अनुभवों और शिक्षकों की बौद्धिक और आत्मिक महानता को श्रद्धांजलि दी।
प्रोग्राम के दौरान, रहबर-ए-मुअज़्ज़म आयतुल्लाह ख़ामेनेई दाम ज़िल्लुहु के शिक्षकों के बारे में दिए गए बयान पर आधारित एक वीडियो क्लिप प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा दिवंगत शिक्षकों की याद में एक संक्षिप्त श्रद्धांजलि सभा भी रखी गई, जबकि 'कमैल' नामक समूह ने एक सुंदर गीत प्रस्तुत कर उपस्थित जनों का दिल जीत लिया।
कार्यक्रम के अंत में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 12 प्रमुख शिक्षकों, 3 अनुभवी शिक्षकों, एक उत्कृष्ट प्रशासनिक समूह और एक प्रभावशाली शिक्षक को छात्राओं की राय के आधार पर चुना गया और उन्हें विशेष पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
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