हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मुसबाही मुक़द्दम की हौज़ा न्यूज़ के प्रतिनिधि से बातचीत करते हुए कहां,लगभग सौ साल पहले मरहूम आयतुल्लाह अब्दुलकरीम हायरी यज़दी रहमतुल्लाह अलैह ने एराक़ से क़ुम हिजरत करके इस इल्मी केंद्र को पुनर्जीवित किया और इसमें एक नई जान डाल दी।
उन्होंने कहा, इन सौ वर्षों में हौज़ा ए इल्मिया क़ुम ने सैकड़ों प्रसिद्ध मराजे और शिया उलेमा बल्कि हज़ारों फुकहा की तर्बियत की, जो हौज़ा की सबसे बड़ी बरकतों में से एक है। दुनियाभर के शिया, ख़ास तौर पर ईरानी जनता, इस बर्कत भरे इल्मी केंद्र से लाभान्वित हुए हैं।
हुज्जतुल इस्लाम मुसबाही मुक़द्दम ने आगे कहा, हौज़ा ए इल्मिया का सबसे बड़ा फल इस्लामी क्रांति के बानी हज़रत इमाम ख़ुमैनी (रह.) हैं, जिन्होंने अपनी असरदार बातों से ईरानी क़ौम के अंदर एक नई रूह फूंकी और यही जज़्बा इस्लामी क्रांति के ज़ुहूर (उदय) का सबब बना।
उन्होंने इस्लामी क्रांति के ज़रिये आने वाले सकारात्मक और असरदार बदलाव की ओर इशारा करते हुए कहा, इस्लामी क्रांति एक बुनियादी और गहरा बदलाव था, जिसने ईरान को वैश्विक मंच पर एक चमकता हुआ सितारा बल्कि एक रौशन सूरज बना दिया। आज मुसलमान क़ौमें इस क्रांति को इस्लामी दुनिया के लिए एक राह दिखाने वाली मशअल मानती हैं।
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