हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, शेख ग़ाज़ी हनीना ने मशहद में हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के संवाददाता से अशरा-ए-फज्र के बारे में बात करते हुए कहा कि इस्लामी क्रांति की सफलता ईरानी जनता की मेहनत और इमाम ख़मिनी (रह.) और मौजूदा नेतृत्व के दूरदर्शी कदमों का नतीजा है।
उन्होंने कहा कि इस क्रांति ने न केवल ईरान, बल्कि कई अन्य देशों में भी महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं, और इसने आध्यात्मिक, नैतिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव डाले हैं।
उन्होंने अशरा-ए-फज्र के वैश्विक प्रभाव और इसके व्यापक सांस्कृतिक व धार्मिक प्रभावों के बारे में कहा कि यह केवल एक राष्ट्रीय घटना नहीं थी, बल्कि एक वैश्विक आंदोलन था, जिसके प्रभाव आज भी दुनिया के कई हिस्सों में महसूस किए जा रहे हैं। इसलिए, ईरानी इस्लामी क्रांति ने पूरी इस्लामिक दुनिया पर गहरे आध्यात्मिक प्रभाव डाले हैं।
शेख ग़ाज़ी हनीना ने कहा कि इस क्रांति की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मुसलमानों के बीच एकता और सहयोग को बढ़ावा देना था। इस महान घटना ने मुसलमानों को अपने आंतरिक मतभेदों को दूर करने का अवसर प्रदान किया।
उन्होंने आगे कहा कि इस क्रांति ने न केवल मुसलमानों को एक-दूसरे के करीब किया, बल्कि इसने मुसलमानों के बीच कई रुकावटों को भी दूर किया।
आखिरकार, शेख ग़ाज़ी हनीना ने कहा कि इमाम ख़मिनी (रह.) हमेशा मुसलमानों के बीच एकता के सिद्धांतों का समर्थन करते रहे, और उनके लिए मुसलमानों का एकता, किसी भी धार्मिक या विचारधारात्मक मतभेद से पहले थी। उनका मानना था कि मुसलमानों में एकता और सहयोग की भावना पैदा करना ही इस्लामिक दुनिया की सभी चुनौतियों का समाधान है।
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