हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,हमास आंदोलन ने यौम-ए-नक़बत को मानव इतिहास का एक काला दिन क़रार देते हुए ज़ोर देकर कहा है कि क़ब्ज़ा ख़त्म होने तक इस्राईली क़ब्ज़ा करने वालों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।
फिलिस्तीन सूचना केंद्र के अनुसार, इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के प्रवक्ता जिहाद ताहा ने नक़बत की सालगिरह के मौक़े पर जारी एक बयान में कहा कि यह दिन मानवता के इतिहास में एक काला धब्बा और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के माथे पर एक बदनुमा दाग़ है।
उन्होंने आगे कहा कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक फ़िलस्तीनी राष्ट्र के तमाम राष्ट्रीय अधिकार वापस नहीं मिल जाते और क़ब्ज़ा पूरी तरह ख़त्म नहीं हो जाता।
जिहाद ताहा ने इज़राइल द्वारा ग़ाज़ा पट्टी पर लगातार किए जा रहे अत्याचारों का हवाला देते हुए कहा,जारी अपराध, हत्याएं, नस्लीय जनसंहार की जंग और खाद्य नाकाबंदी ये सब युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध हैं लेकिन ये सब फ़िलस्तीनी जनता की हिम्मत और उनकी प्रतिरोध की भावना को कभी तोड़ नहीं सकते।
उन्होंने यह भी कहा कि हमास, एक लचीले और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ एक व्यापक युद्धविराम समझौते तक पहुँचने, ग़ाज़ा पट्टी से क़ब्ज़ा करने वालों की पूरी तरह वापसी और युद्ध के परिणामों की भरपाई के लिए प्रयासरत है।
हमास के प्रवक्ता ने लेबनान में फ़िलस्तीनी शरणार्थियों की स्थिति की ओर भी ध्यान दिलाया और ज़ोर दिया कि फ़िलस्तीनी एकता, शिविरों और उनके आस-पास की सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखना, साथ ही लेबनानी सरकार, जनता और संगठनों के साथ संबंधों को मज़बूत करना इन सभी प्रयासों को ज़िम्मेदारी की भावना और दोनों क़ौमों के बीच भाईचारे के रिश्ते के आधार पर जारी रखना ज़रूरी है।
आपकी टिप्पणी