शनिवार 17 मई 2025 - 18:03
ज़ायोनी शासन के अपराधों को उजागर करने में प्रतिरोध साहित्य की अद्वितीय भूमिका

हौज़ा/तेहरान में 36वां अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला अंतर्राष्ट्रीय तेहरान पुस्तक मेले में “रंजहाए गाजा” पुस्तक का विमोचन करने और पुस्तक का विश्लेषण करने के लिए एक महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किया गया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सत्र का शीर्षक “प्रतिरोध और साहित्य की कहानी” था और यह “रंजहाए गाजा” पुस्तक के इर्द-गिर्द आयोजित किया गया था। इस सत्र में इमाम रज़ा (अ) के तीर्थ के अंतर्राष्ट्रीय संगठन के उप निदेशक हुज्जतुल इस्लाम मुस्तफ़ा फ़कीह इस्फ़ांदियारी, पुस्तक के लेखक और “डेरेनब्रास कतर” प्रकाशन के प्रमुख अहमद अब्दुल मलिक और ईरान में फ़िलिस्तीनी इस्लामी आंदोलन के प्रतिनिधि नासिर अबू शरीफ़ ने भाग लिया।

इमाम रजा (अ) की दरगाह के अंतर्राष्ट्रीय संगठन के उप निदेशक ने प्रतिरोध मोर्चे और इस्लामी सरकार की नींव को सहारा देने में साहित्य की भूमिका पर जोर देते हुए तर्कशीलता को मानवता का सार बताया और कहा कि प्रतिरोध का आधार तर्क और चेतना होना चाहिए, केवल इसी स्थिति में दुश्मन द्वारा मीडिया के दुष्प्रचार के सामने प्रतिरोध दिखाया जा सकता है।

हुज्जतुल इस्लाम मुस्तफा फकीह इस्फंदियारी ने फिलिस्तीन के मुद्दे को इस्लामी दुनिया की पहली प्राथमिकता बताते हुए कहा कि इस मुद्दे की उपेक्षा करना मुस्लिम उम्मा के लिए अपमान का कारण है।

पुस्तक के लेखक श्री अहमद अब्दुल मलिक ने पुस्तक के लक्ष्यों और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और कहा कि जमीनी स्तर पर तथ्यों और घटनाओं को रिकॉर्ड करना और पकड़ना तथा फिलिस्तीनियों के उत्पीड़न की आवाज को पूरी दुनिया तक पहुंचाना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि प्रतिरोध का साहित्य युद्ध के मैदान में एक हथियार की तरह है जो तथ्यों को पूरी दुनिया तक प्रभावी ढंग से पहुंचा सकता है।

उन्होंने कहा कि यह पुस्तक चित्रों के साथ कहानी के रूप में लिखी गई है और यह इस लेखक की पचासवीं पुस्तक है।

उन्होंने कहा कि इस पुस्तक को लिखने के लिए उन्होंने अर्नेस्ट हेमिंग्वे और नजीब महफूज से प्रेरणा ली है।

फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद आंदोलन के प्रतिनिधि ने भी सत्र के दौरान बात की और कहा कि प्रतिरोध का साहित्य प्रतिरोध के हथियार से कम शक्तिशाली नहीं है।

जनाब नासिर अबू शरीफ ने कहा कि गाजा मानव और मानवीय दर्द का स्रोत है, इसलिए गाजा के उत्पीड़न को दुनिया को बताया जाना चाहिए। दुनिया के लोगों को गाजा के उत्पीड़न को दुनिया भर में दर्शाने में हमारा समर्थन करना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से सभी चुप रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गाजा में नरसंहार को रोकने का सबसे अच्छा हथियार ज़ायोनीवादियों के अपराधों की एक तस्वीर बनाना और इसे दुनिया भर में दिखाना है।

अमेरिका को एंटीक्राइस्ट के रूप में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका हमेशा दुनिया को एक आंख से देखता है।

उन्होंने कहा कि आज मीडिया स्रोतों की मदद से लोग फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं, यूरोप और अमेरिका के 55 प्रतिशत युवा फिलिस्तीन के समर्थक हैं।

गौरतलब है कि 36वां अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला तेहरान स्थित इमाम खुमैनी (र) मस्जिद में आयोजित किया गया है।

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha