शनिवार 24 मई 2025 - 13:26
शहीद रईसी ने अपनी पूरी ज़िंदगी अच्छे कर्मों के लिए समर्पित कर दी थी

हौज़ा / शहीद इब्राहीम रईसी की बेटी हानिया सादात रईसी ने इस्फहान में महिलाओं की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनके पिता ने अपनी पूरी ज़िंदगी ईमानदारी, परहेज़गारी और जनता की सेवा में बिताई और आज पूरी क़ौम इस रास्ते को समझदारी और जागरूकता के साथ आगे बढ़ा रही है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, शहीद सदर इब्राहीम रईसी की बेटी हानिया सादात रईसी ने इस्फहान में महिलाओं के एक भव्य सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनके पिता ने अपनी पूरी ज़िंदगी को ईमानदारी, परहेज़गारी और जनता की सेवा में समर्पित कर दिया था और आज पूरी क़ौम उस रास्ते को समझदारी और सूझबूझ के साथ आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने कहा कि उनके पिता ने अपनी ज़िंदगी नेक कामों, जनसेवा और धार्मिक व नैतिक सिद्धांतों के अनुसार बिताई उन्होंने बताया कि देश की जनता अब शहीद रईसी के रास्ते को गहरे समझ के साथ पहचान चुकी है, और पूरे देश में जारी "मिल्लात-ए-खिदमत आंदोलन" इसी समझ का प्रतीक है, जो ईद-उल-अज़हा तक जारी रहेगा।

उन्होंने शहीद रईसी द्वारा वंचित क्षेत्रों, माज़ंदरान की जनता और पूर्वी इस्फहान के जल संकट पर विशेष ध्यान देने को याद करते हुए कहा कि वे हमेशा दर्दमंद दिल से लोगों की सेवा में लगे रहते थे और कभी भी समय बर्बाद नहीं करते थे। उनका निजी जीवन इबादत, परहेज़गारी और अल्लाह पर भरोसे (तवक्कुल) से भरा हुआ था और वे रातों को इबादत में बिताते थे।

शहीद रईसी की बेटी ने रहबर-ए-मुअज़्ज़म (सर्वोच्च नेता) द्वारा शहीद रईसी की प्रशंसा का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये अल्फ़ाज़ हमारे लिए एक बड़ी ज़िम्मेदारी का एहसास कराते हैं।

उन्होंने कहा कि उनके पिता केवल एक राजनीतिज्ञ नहीं थे बल्कि एक धार्मिक, ईमानदार और विश्वसनीय नेता थे, जिन्होंने यहाँ तक कि रूस के राष्ट्रपति को भी यह समझा दिया था कि वे कभी अपनी धार्मिक पहचान को राजनीति के लिए कुर्बान नहीं करेंगे।

अंत में उन्होंने कहा कि अगर आज शहीद रईसी हमारे बीच नहीं हैं, तो यह क़ौम हज़ारों "रईसी" पैदा कर सकती है, और यही उनके रास्ते की असली तक़मील (पूर्णता) है। इस सभा में शहीद रईसी और सैयद हसन नसरुल्लाह के नाम से जुड़े एक स्मृति-चिह्न का अनावरण भी किया गया।

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