हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, क़ुम के इमाम ए जुमआ आयतुल्लाह सैयद हाशिम हुसैनी बुशहरी ने जुमे की नमाज़ के खुतबे में कहा कि आज इमाम ख़ुमैनी र.ह.की रहमत को 36 साल पूरे हो चुके हैं हमें रहबर-ए-मआज़म (आयतुल्लाह ख़ामेनेई) के रास्ते पर कायम रहना चाहिए।
उन्होंने ग़ाज़ा की स्थिति का ज़िक्र करते हुए कहा कि वहां जो इंसानी तबाही हो रही है, उसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। ग़ाज़ा में भूख और इस्राइली बमबारी के मंजर बेहद दर्दनाक हैं। इस्राइली शासन ने ग़ाज़ा के उत्तर और दक्षिण पर क़ब्ज़ा जमा रखा है और हर दिन उसका ज़ुल्म बढ़ता जा रहा है।
उन्होंने हालिया परमाणु वार्ताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि मुजाकरात का पांचवां दौर समाप्त हो चुका है और जैसा कि रहबर-ए-मआज़म पहले ही कह चुके हैं,हम न मायूस हैं और न ही बेइंतिहा आशावान (उम्मीदवार) हैं।
आज अमेरिका की नीति इन वार्ताओं में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह खत्म करने की है। मगर ईरानी क़ौम कभी भी युरेनियम संवर्धन को रोकने की इजाज़त नहीं देगी।
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