हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,रूसी मूल के शिया आलेमदीन हज़रत हुज्जतुल इस्लाम आसिफ बाकर ऊफ़ ने क़ुम में आयोजित हौज़ा-ए-इल्मिया क़ुम की पुनःस्थापना की 100वीं वर्षगांठ के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अंतर्गत,हौज़ा और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र" विषयक पर भाषण देते हुए कहा,यह दीन इमाम ज़माना अ.ज. से वफादारी के संकल्प का दिन है।
यह सम्मेलन सिर्फ आयतुल्लाहिल उज़मा हायरी (हौज़ा की पुनःस्थापना के संस्थापक) को श्रद्धांजलि देने का अवसर नहीं है, बल्कि यह समझने और दोहराने का भी समय है कि इस संस्थान की स्थापना के पीछे क्या उद्देश्य और घटनाएँ थीं।
उन्होंने आगे कहा,हमने जब पहली बार हौज़ा में कदम रखा था, तभी इमाम ज़माना (अज) से यह वादा किया था कि हम अपना सब कुछ इस्लाम और अहलेबैत (अ.स.) के मार्ग पर समर्पित कर देंगे।
यह सम्मेलन उसी वादे को दोहराने का माध्यम है हम उम्मीद करते हैं कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन और विशेषकर बीते दिन रहबर-ए-मुअज़्ज़म (आयतुल्लाह खामेनेई) के ऐतिहासिक संदेश से हम नई ऊर्जा और उत्साह के साथ दावत और प्रचार के मैदान में उतरेंगे।
उन्होंने ने कहा, अब वो शासन जो धर्म को दबाने वाले थे खत्म हो चुके हैं और जो नए शोरगुल के साथ सामने आए हैं, वे भी नाशवान हैं। हमें आज की परिस्थितियों में हौज़ा और धर्म की क्षमताओं का भरपूर लाभ उठाना चाहिए।
अंत में उन्होंने कहा,रहबर-ए-मुअज़्ज़म की बातें हमेशा एक प्रबल प्रकाश की तरह होती हैं, जो दुनिया भर में दावत देने वालों और स्वतंत्रता के पक्षधरों को मार्ग दिखाती हैं।
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