हौज़ा न्यूज़ एजेंसी हिन्दीं के अनुसार ,हुज्जतुल इस्लाम सैयद अबुल कासिम काज़मी निदेशक, इस्लामिक प्रचार चहारमहल व बख़्तियारी ने शहर-ए-कर्द में इदारा-ए-तबलीगात-ए-इस्लामी के तत्वावधान में कुरआन से जुड़ी महिलाओं महिला मुबल्लिगात और सफ़ीरान-ए-आयत के एक समागम में संबोधन करते हुए कहा,आज हम उस युग में प्रवेश कर चुके हैं, जिसकी कामना इस मार्ग के अनेक बुजुर्गों और शहीदों ने की थी।
आज हम धरती के सबसे बुरे शैतानों और सबसे नापाक व निर्दयी प्राणियों से मुकाबला कर रहे हैं।
उन्होंने कहा,आज इस ऐतिहासिक संघर्ष का गौरव हमारे हिस्से में आया है। इमाम सज्जाद अ.स.ने अपनी दुआ में फरमाया, अल्हम्दुलिल्ला इस निर्दयी शासन की मूर्खता के लिए यही काफी है कि उसने हमला तब किया जब ईरानी उम्मात ग़दीर के समारोहों और महीने-ए-मुहर्रम की तैयारियों में व्यस्त थी, और सियोनिस्टों ने हमारे महान नेता (रहबर-ए-मोअज़्ज़म) को धमकियाँ दीं।
हुज्जतुल इस्लाम काज़मी ने कहा,मुहर्रम ईरानी राष्ट्र के लिए उठ खड़े होने और जोश का महीना है लोग अपनी साल भर की बचत इमाम हुसैन (अ.स.) की मजलिस-ए-अज़ा पर खर्च करते हैं, और फिर भी दुश्मनों ने इस पवित्र महीने की शुरुआत में यह मूर्खता भरा कदम उठाया।
उन्होंने आगे कहा,अल्लाह तआला ने दुश्मनों की मूर्खता के मुकाबले में हमें अपनी हिदायत से नवाज़ा है। हमारी कौम ने दुश्मन के हमलों के शुरुआती दिनों में ही सड़कों पर भारी जनसभाएं करके ग़दीर को शिद्दत से मनाया।
इसी तरह, 'नमाज-ए-जुमा नस्र-ओ-ख़श्म में पूरे देश में जुमआ की नमाज़ के जमावड़ों में बड़ी संख्या में शिरकत करके दुश्मन की बकवास पर अपना गुस्सा जाहिर किया।
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