हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, यह उज्ज्वल कथन इमाम जाफ़र सादिक (अ) से वर्णित है जिसे अल्लामा हसनज़ादेह आमोली (र) ने रिवायत किया है और यह सबसे कठिन कठिनाइयों को हल करने के लिए एक मूल्यवान मार्गदर्शक है।
अल्लामा हसनज़ादे अमोली (र) कहते हैं:
इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) से वर्णित है कि उन्होंने (अ) फ़रमाया:
जब तुम पर कोई बड़ी मुसीबत (संकट) आ पड़े, तो शहीदों के ध्वजवाहक हज़रत अब्बास (अ) से इस ज़िक्र के साथ तवस्सुल करें: "یا کاشِفَ الکَرْب عَنْ وَجه الحسین [علیه السلام] اِکْشِفْ کَربی بحق اَخیکَ الحسین या काशेफ़ल कर्बे अन वज्हिल हुसैन (अ) इकशिफ़ करबी बेहक़्क़े अख़ीकल हुसैन।" ऐ हुसैन (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के चेहरे से संकट दूर करने वाले, अपने भाई हुसैन के सदके मे मेरा संकट दूर कर दो।"
हज़रत अब्बास (अब्बास = संख्या 133) के मुबारक नाम की संख्या के अनुसार इसे 133 बार पढ़ें।
नोट: संकट का अर्थ है: बड़ी और गंभीर कठिनाई या विपत्ति।
स्रोत: हज़ार व यक कलमे, कलमा 873
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