हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , सफ़र महीने के दौरान हज़रत मासूमा स.अ.के पवित्र मज़ार पर बच्चों और युवाओं के लिए मातम की विशेष सभाएं आयोजित की गई हैं, जिनमें कई कार्यक्रम शामिल हैं। इन सभाओं को ज़ायरीन, खासकर बच्चों और उनके परिवारों द्वारा भरपूर पसंद किया गया है।
पवित्र मज़ार के बच्चों के विभाग ने इन आध्यात्मिक सभाओं का आयोजन इस उद्देश्य से किया है कि छोटी उम्र की पीढ़ी को अहलेबैत (अ.स.) के दुख और आशूरा के संदर्भ में ज्ञान से अवगत कराया जाए और उन्हें धार्मिक सेवाओं का शुरुआती स्वाद दिया जाए।
जवादुल अइम्मा अ.स.के प्रांगण में हर रात आयोजित होने वाली हुसैनिया ए कुदक नामक सभा में बच्चे न केवल मातम में शामिल होते हैं, बल्कि स्वयं भी सेवा का कार्य करते हैं इस माहौल में स्वयंसेवकों (ख़ादिमान-ए-इफ़्तिख़ारी) का प्यार और मेहमाननवाज़ी बच्चों के दिलों में अहलेबैत अ.स.की मोहब्बत को और गहरा कर देती है।
यह कार्यक्रम इस तरह से डिज़ाइन किए गए हैं कि आशूरा की अवधारणाओं और अहलेबैत (अ.स.) की शिक्षाओं को बच्चों के मानसिक स्तर और भाषा में पेश किया जाए। सभाओं में शामिल बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम रखे गए हैं।
इसके अलावा इन सभाओं की रिकॉर्डिंग भी की गई है ताकि यह सामग्री देश के मीडिया के माध्यम से अन्य बच्चों तक भी पहुँच सके पवित्र मज़ार का यह प्रयास इस बात का प्रमाण है कि धार्मिक शिक्षा और परवरिश में बचपन से ही नींव रखना एक प्रभावी और आवश्यक कदम है।
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