हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, कर्बला में आशूरा दिवस पर शहीद हुए मासूम बच्चों की याद में मुहर्रम के पहले शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय अली असगर दिवस मनाया जाता है। इन शोक सभाओं में महिलाएं अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चों को वही कपड़े पहनाती हैं और उनके सिर पर हेडबैंड बांधती हैं, जिस पर हज़रत अली असगर का नाम लिखा होता है, इस तरह वे इस्लाम के पैगंबर (PBUH) के अहले-अल-बैत के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करती हैं।
गौरतलब है कि 2003 में विश्व अली असगर दिवस पहली बार इस्लामिक गणराज्य ईरान की राजधानी तेहरान में आयोजित किया गया था। उसके बाद 2004 में विश्व अली असगर दिवस का आयोजन करने वाली समिति के तहत तेहरान, मशहद और क्यूम में इसका आयोजन किया गया था। विश्व अली असगर दिवस वर्तमान में दुनिया के 45 देशों में मनाया जा रहा है, जिसमें ईरान, सऊदी अरब, यमन, इराक, तुर्की, भारत, पाकिस्तान, सिंगापुर, थाईलैंड, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, स्वीडन और कई अफ्रीकी देश शामिल हैं।